UPSC CSE Extra Attempt: अंतिम अवसर वाले उम्मीदवारों को नहीं मिलेगा एक और मौका, सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका खारिज की, सिविल सेवा परीक्षा 2021 अधिसूचना जल्द
UPSC CSE Extra Attempt कोविड-19 महामारी के चलते सम्मिलित होने से वंचित रह गये उम्मीदवारों को वर्ष 2021 में की परीक्षा में अतिरिक्त अवसर दिये जाने को लेकर दायर एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आज 24 फरवरी 2021 को फैसला सुना दिया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UPSC CSE Extra Attempt: सिविल सेवा परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा अक्टूबर 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सम्मिलित होने से वंचित रह गये उम्मीदवारों को वर्ष 2021 की परीक्षा में अतिरिक्त अवसर दिये जाने को लेकर दायर एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आज, 24 फरवरी 2021 को फैसला सुना दिया गया है। फैसले के अनुसार, उम्मीदवारों को अतिरिक्त अवसर नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही, उच्चतम न्यायालय ने उम्मीदवारों को अतिरिक्त अवसर देने की याचिका को खारिज कर किया है। उम्मीदवार फैसले की विस्तृत जानकारी 'जजमेंट कॉपी' जारी होने के बाद देख पाएंगे।
इन उम्मीदवारों को मिलेगा अतिरिक्त मौका
दूसरी तरफ, इसी मामले की सुप्रीम कोर्ट में 5 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ इन उम्मीदवारों को एक और मौका देने पर सहमति व्यक्त की गयी थी बशर्ते वे आयु सीमा के भीतर हों। इसके बाद उम्मीदवारों ने आयु सीमा में भी छूट दिये जाने की मांग की थी।
सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2021 अधिसूचना जल्द
माना जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाये जाने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 के लिए अधिसूचना अब जल्द ही जारी कर दी जाएगी। यूपीएससी सीएसई प्रिलिम्स नोटिफिकेशन 2021 को 10 फरवरी को ही जारी किया जाना था। हालांकि, 25 जनवरी की सुनवाई में शीर्ष अदालत द्वारा केंद्र सरकार व यूपीएससी को मामले में सुनवाई पूरी होने तक सिविल सेवा परीक्षा 2021 की अधिसूचना जारी न करने के निर्देश दिये गये थे।
9 फरवरी को हुई थी पिछली सुनवाई
इससे पहले, 9 फरवरी को जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के लिए उन उम्मीदवारों को अतिरिक्त अवसर देने के मामले में सुनवाई पूरी की थी, जिन्होंने वर्ष 2020 की परीक्षा में अपना अंतिम प्रयास किया था। सुनवाई के बाद पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, 5 फरवरी की सुनवाई में केंद्र सरकार ने उन अभ्यर्थियों को एक और मौका देने पर अपनी सहमति जताई थी, जिन्होंने पिछले वर्ष की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में अपना अंतिम प्रयास किया था। हालांकि, केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अभ्यर्थियों को एक और मौका देने के लिए तैयार है, लेकिन वह आयु सीमा में छूट नहीं देगी।
जिन उम्मीदवारों की वर्ष 2020 की परीक्षा में प्रयासों की अंतिम संख्या समाप्त हो चुकी थी, सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को अतिरिक्त मौका देने पर केंद्र ने अपनी सहमति जताई थी। वहीं, जो उम्मीदवार वर्ष 2021 की परीक्षा के लिए अपनी आयु सीमा को पार कर चुके हैं, उन उम्मीदवारों को राहत देने के पक्ष में केंद्र सरकार नहीं थी।
वहीं, 8 फरवरी की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र से पूछा था कि क्या आप उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट का एक मौका नहीं दे सकते? कोर्ट ने कहा था कि जब आप उम्मीदवारों को एक और अवसर देने के लिए तैयार हैं, तो आशा है कि आप बहुत सख्त रुख नहीं अपनाएंगे। वहीं, केंद्र की ओर से बताया गया कि यह नीति से संबंधित मामला है, इसलिए वह 9 फरवरी तक अपना जवाब देगी।
ये था पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट में उन उम्मीदवारों को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में एक और मौका देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की गई, जो वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण अपने अंतिम प्रयास से वंचित रह गए थे, या अंतिम प्रयास वाले उम्मीदवार महामारी के कारण ठीक तरह से अपनी तैयारी नहीं कर सके थे। कुछ उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें वर्ष 2021 की परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर देने का अनुरोध किया था।