UPSC सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने के बाद उम्मीदवार नहीं कर पाएंगे कोचिंग के विज्ञापन, पढ़ें क्या है वजह
सीसीपीए ने सेंट्रल सिविल सर्विसेज (Central Civil Services Conduct Rules 1964) नियम 1964 को लागू करने के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को भी लिखा है। इनके तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को किसी भी व्यापार या व्यवसाय में शामिल होने या कोई एडशिनल रोजगार लेने की अनुमति नहीं है। कई कोचिंग संस्थानों को इस संबंध में नोटिस भी भेजा गया है।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) पास करने के बाद अभ्यर्थी अब कोचिंग के लिए विज्ञापन नहीं कर पाएंगे। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली सीएसई परीक्षा में सफल होने वाले या फिर टॉपर कैंडिडेट्स को ज्वाइनिंग लेटर मिलने के बाद उन्हें कोचिंग से अपने कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ना होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे की वजह यह है कि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने कहा है कि इन कोचिंग संस्थानों द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के टॉपर्स का उपयोग करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं" धाराओं के अंतर्गत आता है। CCPA का कहना है कि कोचिंग संस्थान कैंडिडेट्स को लुभाने के लिए बड़े-बड़े दाव करते हैं। इसलिए अभ्यर्थियों को अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म करना होगा।
मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए 20 आईएएस कोचिंग संस्थानों को भी नोटिस भेजा है। इसके चलते अब आईएएस व आईपीएस बनने के बाद कोई भी अभ्यर्थी कोचिंग के विज्ञापनों में नजर नहीं आ सकते हैं।
UPSC CSE Exam: सीसीपीए ने डीओपीटी को लिखा पत्र
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीसीपीए ने सेंट्रल सिविल सर्विसेज ( Central Civil Services, Conduct Rules, 1964) नियम, 1964 को लागू करने के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को भी लिखा है। इनके तहत, किसी भी सरकारी कर्मचारी को किसी भी व्यापार या व्यवसाय में शामिल होने या कोई एडशिनल रोजगार लेने की अनुमति नहीं है। बता दें कि डीओपीटी यूपीएससी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से चुने गए सभी अधिकारियों के लिए कंट्रोलिंग अर्थारिटी है।
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