हंगरी के झंडे में शामिल तीन रंगों का इतिहास तेरहवीं शताब्दी से भी पुराना, 1957 में अपनाया गया था ध्वज
हंगरी का राष्ट्रीय ध्वज लाल सफेद और हरे रंग का है। इन तीनों ही रंगों के अलग-अलग मायने हैं। हंगरी के राष्ट्रीय ध्वज को आधिकारिक रूप से 23 मई 1957 को अपनाया गया था। इसके अलावा ध्वज में मौजूद रंगों का इतिहास 13 शताब्दी से भी पुराना है। यहां देखें पूरी जानकारी।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: हंगरी मध्य यूरोप में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत देश है। हंगरी को अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पुलों और आकर्षक किलों के लिए जाना जाता है। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट को 'डेन्यूब की रानी' भी कहा जाता है। इसके अलावा, इसका राष्ट्रीय ध्वज बेहद ही सरल लेकिन ध्वज के मायने बेहद ही प्रेरणादायक है। हंगरी का राष्ट्रीय ध्वज लाल, सफेद और हरा रंग का है। ध्वज का अनुपात 1:2 है। हंगरी के राष्ट्रीय ध्वज को आधिकारिक तौर पर 23 मई, 1957 को अपनाया गया था। ऐसे में यदि आप हंगरी देश के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी हो सकता है।
रंग के अलग-अलग मायने
हंगरी का राष्ट्रीय ध्वज तीन पट्टियों से बना है। ध्वज में लाल, सफेद और हरा रंग मौजूद है। ध्वज के ऊपरी भाग में लाल रंग, मध्य में सफेद रंग और सबसे निचले भाग में हरा रंग है। ध्वज में मौजूद ये तीनों रंग देश के प्रतीक चिन्ह के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इसके साथ ही इन तीनों रंगों के अलग-अलग मायने भी है। ध्वज में मौजूद लाल रंग देश की शहादत में बहाए गए खून का प्रतीक है, जबकि सफेद रंग हंगरी की नदियों और शांति का प्रतीक है और हरा रंग हंगरी की हरियाली का प्रतीक है।
तीनों रंगों का इतिहास तेरहवीं शताब्दी से भी पुराना
हंगरी के ध्वज में मौजूद तीनों रंगों का इतिहास तेरहवीं शताब्दी से भी पुराना है। दरअसल 13वीं शताब्दी से भी पहले हंगरी में इन तीनों रंगों का उपयोग हंगरी के शासकों द्वारा किया जाता था। इसके अलावा, इन तीनों रंगों का उपयोग 1608 में हंगरी के शासक मथियास द्वितीय के राज्याभिषेक और फिर उसके बाद विभिन्न शासकों के शाही समारोहों में इन तीनों रंगों का उपयोग किया जाने लगा।
कब-कब हुए तिरंगे में बदलाव
हंगरी के राष्ट्रीय ध्वज का उदय 1848 से 1849 के दौरान हैब्सबर्ग विरोध के दौरान हुआ था। हालांकि इस विद्रोह को बंद कर दिया गया और ऑस्ट्रियाई सम्राट द्वारा हंगरी के राष्ट्रीय ध्वज को अवैध घोषित कर दिया गया। बता दें, उस वक्त हंगरी ऑस्ट्रियाई शासन के कब्जे में था। इसके बाद 1867 के समझौते के बाद ध्वज को दोबारा वैध घोषित कर दिया गया। इसके बाद 1918 में हैब्सबर्ग साम्राज्य का पतन हुआ और ध्वज में कई बदलाव किए गए। इसके अलावा, 1946 और 1949 के बीच ध्वज में लाल तारे को जोड़ा गया।
कब मिली औपचारिक मान्यता
हंगरी के राष्ट्रीय ध्वज को औपचारिक रूप से 23 मई, 1957 को अपनाया गया। बता दें, 1956 के दौरान हंगरी के झंडे में कुछ पारंपरिक प्रतीक चिन्हों का दोबारा उपयोग किया गया। लेकिन अगले वर्ष पारंपरिक प्रतीक चिन्ह को हटाकर राष्ट्रीय रंगों को शामिल किया गया, हालांकि इसे झंडे में शामिल नहीं किया गया। इसके बाद हंगरी की राष्ट्रीय सभा ने पारंपरिक प्रतीक चिन्ह को दोबारा स्थापित किया, लेकिन झंडे का स्वरूप 1957 में अपनाए गए झंडे की तरह ही रहने दिया।
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