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    दुनिया का सबसे पावरफुल देश अमेरिका भी रहा था ब्रिटिशर्स का गुलाम, जानें कैसे हुआ आजाद

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 04:28 PM (IST)

    विश्वभर में वर्तमान समय में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के रूप में अमेरिका को पहचान मिली हुई है। लेकिन कभी यह देश भी ब्रिटिशर्स का गुलाम रहा है। अंग्रेजों द्वारा इस देश पर 176 वर्षों तक राज किया गया। अमेरिका को ब्रिटिशर्स से 1776 में आजादी मिली। हालांकि अंग्रेजी हुकूमत द्वारा अमेरिका को स्वतंत्र होने की मान्यता 3 सितंबर 1783 को दी गई।

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    American Revolution history in Hindi: जानें अमेरिका कैसे हुआ आजाद।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका (United States of America) को वर्तमान समय में विश्व का सबसे पावरफुल देश का दर्जा प्राप्त है। अमेरिका आज दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो साथ ही उसके पास दुनिया सबसे बड़ी और मजबूत सेना है। दुनियाभर में अमेरिकी डॉलर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है। अमेरिका तकनीक, विज्ञान, और रिसर्च में भी सबसे आगे है। इसके अलावा, उसकी ग्लोबल पॉलिटिक्स, व्यापार, और संस्कृति पर बहुत प्रभाव है।

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    176 वर्षों तक अमेरिका रहा था गुलाम 

    लेकिन क्या आपको पता है कि अमेरिका भी कभी भारत की तरह ही ब्रिटिशर्स का गुलाम रहा है। अमेरिका 176 वर्षों तक ब्रिटिश उपनिवेश (गुलामी) में रहा। इसकी शुरुआत 1607 में जेम्सटाउन में पहले अंग्रेजी उपनिवेश से हुई और 4 जुलाई 1776 तक जारी रही। हालांकि, अंग्रेजी हुकूमत द्वारा अमेरिका को स्वतंत्र होने की मान्यता 3 सितंबर 1783 को पेरिस की संधि पर हस्ताक्षर करके दी।

    अमेरिका कैसे बना अंग्रेजों का गुलाम

    अमेरिका ब्रिटिशर्स का गुलाम कैसे बना इसके पीछे कई एतिहासिक कारण हैं। 17वीं शताब्दी की शुरुआत में इंग्लैंड ने अमेरिका में अपने उपनिवेश बसाना शुरू किया। वर्ष 1607 में जेम्सटाउन (वर्जीनिया) में पहला स्थायी अंग्रेजी उपनिवेश स्थापित हुआ जिसके बाद से यह लगातार बढ़ती रहीं। देखते-देखते कुल मिलाकर तेरह ब्रिटिश कॉलोनियां बन गईं। ये कॉलोनियां मुख्य रूप से व्यापार, कृषि और धार्मिक स्वतंत्रता की तलाश में बसाई गई थीं।

    ब्रिटिश सरकार ने इन उपनिवेशों पर कड़ा नियंत्रण रखा और आर्थिक लाभ के लिए विभिन्न शुगर एक्ट, स्टैम्प एक्ट सहित अन्य टैक्स लगाए। उपनिवेशवासियों को टैक्स देने के लिए कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला, जिससे वे असंतुष्ट हो गए। इसी असंतोष की वजह से धीरे-धीरे आजादी की चाह पैदा हुई। इसी के बीच ब्रिटेन और फ्रांस के बीच महायुद्धों के बाद ब्रिटेन ने उपनिवेशों से और अधिक ट्रिब्यूट वसूलना शुरू किया, जिससे आजादी की क्रांति की जड़ें और मजबूत हो गईं। उपनिवेशवासियों ने ब्रिटिश माल का बहिष्कार किया और अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू कर दिए।

    (image freepik)

    बॉस्टन टी पार्टी आंदोलन के चलते हुआ विद्रोह

    वर्ष 1773 में बॉस्टन टी पार्टी आंदोलनों ने विद्रोह को जन आंदोलन का रूप दे दिया। 1775 में लेक्सिंगटन और कॉनकॉर्ड के युद्धों के साथ स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ। 1776 में अमेरिकी उपनिवेशों ने स्वतंत्रता की घोषणा की और ब्रिटिश शासन के खिलाफ युद्ध छेड़ा। तेरह अमेरिकी कॉलोनियों ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन किया और 1775 में युद्ध छिड़ गया। फ्रांस, स्पेन और अन्य देशों ने अमेरिकी क्रांतिकारियों को मदद दी, जिससे युद्ध में उनको निर्णायक बढ़त मिली।

    (image freepik)

    स्वतंत्रता में किन नेताओं का रहा योगदान

    • आजादी की लड़ाई में अमेरिका के कई लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। जार्ज वाशिंगटन क्रांतिकारी सेना के प्रमुख सेनापति रहे। उन्हें अमेरिकी आजादी के सूत्रधार के रूप में जाना जाता है। स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद वे आजाद अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने।
    • थॉमस जेफरसन: अमेरिका की स्वतंत्रता में प्रमुख लेखक थॉमस जेफरसन का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। वे भी बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
    • बेंजामिन फ्रैंकलिन: अमेरिका के प्रमुख राजनयिक, फ्रांस से समर्थन पाने में अहम भूमिका निभाई।
    • जॉन एडम्स: स्वतंत्रता के कट्टर समर्थक, कांग्रेस के प्रमुख सदस्य। ये भी बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
    • इन सबके अलावा आजादी के लिए आंदोलन, प्रेरणा और सहयोग में सैमुअल एडम्स, पैट्रिक हेनरी, मारक्विस डी लाफायेट में भी अहम भूमिका निभाई।

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