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    Success Story: 10वीं, 12वीं में फेल अंजू शर्मा ने पहले प्रयास में पास की UPSC परीक्षा, 22 साल में बनीं IAS

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Thu, 27 Jul 2023 04:28 PM (IST)

    Success Story एमबीए करने के बाद अंजू ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि अब वे अपनी कमजोरियों पर काम करके अपनी पढ़ाई को इतना मजबूत कर चुकी थीं कि उन्होंने पहले प्रयास में ही इस एग्जाम में सफलता हासिल कर ली थी। अंजू ने जब यह एग्जाम क्रैक किया था उस वक्त वे केवल 22 साल की थी।

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    Success Story: अंजू शर्मा 22 साल की उम्र में बनीं थीं IAS, पहले प्रयास में बनीं थीं अफसर

     एजुकेशन डेस्क। Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है। इस एग्जाम को क्रैक करना आसान नहीं है। कई बार बड़ी- बड़ी प्रतियोगी परीक्षा में सक्सेस पाने वाले अभ्यर्थी भी, जब इस एग्जाम में शामिल होते हैं तो उन्हें सफलता हाथ नहीं लग पाती है। हालांकि, आज हम आपको सक्सेस स्टोरी कॉलम में एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दसवीं और बारहवीं में फेल हो गई थीं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी असफलता को खुद पर हावी नहीं होने दिया, बल्कि दोगुनी मेहनत से पढ़ती रहीं। इसका नतीजा यह हुआ कि, जब वे यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं तो

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    पहले प्रयास में ही यह परीक्षा पास कर ली थी। सुनकर यह बात थोड़ी हैरान करने वाली लगती होगी, लेकिन हकीकत यही है। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर अंजू शर्मा की, जिन्होंने महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करके अफसर बन गई थीं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।

    अंजू शर्मा जब स्कूल में थीं तो उस वक्त वे दसवीं कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम में केमिस्ट्री के पेपर में फेल हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने खुद को संभाला और मेहतन की। इसके बाद वे जब 12वीं कक्षा में पहुंची तो यहां भी 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर में फेल हो गई थीं। इसके बाद भी वे हताश हो गई थीं। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानीं। वे डटी रहीं। अपनी कमियों पर काम रहीं। इसके बाद उन्होंने जयपुर से बीएससी (BSc) करने के बाद एमबीए (MBA) किया।

    पहले प्रयास में हुई सफल

    एमबीए करने के बाद अंजू ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि, अब वे अपनी कमजोरियों पर काम करके अपनी पढ़ाई को इतना मजबूत कर चुकी थीं कि उन्होंने पहले प्रयास में ही इस एग्जाम में सफलता हासिल कर ली थी। अंजू ने जब यह एग्जाम क्रैक किया था, उस वक्त वे केवल 22 साल की थी। इसके बाद, उन्होंने साल 1991 में राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के पद से अपने करियर की शुरुआत की थी।