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    Success story: पिता ने बेची चाय, मां ने की मजदूरी, बेटे ने UPSC पास कर पैरेंट्स का नाम किया रोशन

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Fri, 28 Jul 2023 11:08 AM (IST)

    Success story मंगेश ने पूरे जी-जान से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी। दो प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली थी। हालांकि दो प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचे थे लेकिन सिर्फ तीन नंबर कम होने के चलते वे सफल नहीं हो सके। इसके बाद तीसरे प्रयास में वे इस एग्जाम को क्रैक कर पाए थे। थर्ड अटेम्प्ट में उन्होंने परीक्षा में 396 रैंक हासिल की थी।

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    UPSC Success Story: महाराष्ट्र के मंगेश खिलारी ने तीसरे प्रयास में हासिल की यूपीएससी परीक्षा में सफलता

    एजुकेशन डेस्क। UPSC Success Story: कहते हैं न कि अगर आपके इरादे अगर मजबूत हों तो मुश्किलें कितनी भी आएं लेकिन मंजिल मिल ही जाती है। यह बात यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले महाराष्ट्र के मंगेश खिलारी (Mangesh Khilari) पर बिल्कुल सटीक बैठती है। वह इसलिए क्योंकि, उन्होंने जिन हालातों में इस परीक्षा में यह एग्जाम क्रैक किया है, वह बिल्कुल भी आसान नहीं था। दरअसल, उनके पिता एक एक चाय की छोटी सी दुकान चलाते थे और उनकी मां भी एक कारखाने में मजदूरी करते थे। मंगेश खुद भी पिता की चाय की दुकान पर उनकी मदद किया करते थे। हालांकि इन परिस्थितियों में भी मंगेश ने कभी खुद को टूटने नहीं दिया है। वे हालातों से लड़ते रहे। खूब मन लगाकर पढ़ाई की और इसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने देश की सबसे मुश्किल एग्जाम पास कर लिया था। कैसे किया उन्होंने यह सुबह, आइए डालते हैं एक नजर।

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    मंगेश खिलारी महराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सुकेवाड़ी गांव में रहते हैं। यहां, उनके के पिता एक छोटी सी चाय और वड़ा पाव की दुकान चलाते हैं। वहीं, मां भी एक कारखाने में मजदूरी का काम करती हैं। उन्होंने यहीं से अपनी दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई की है।

    10वीं के बाद छोड़ दिया गांव

    मंगेश ने दसवीं कक्षा पास करने के बाद सुकेवाड़ी गांव छोड़ दिया था। इसके बाद, वे संगमनेर तालुका में जाकर रहने लगे थे। यहां उन्होंने आगे की पढ़ाई की थी। हालांकि, इसके बाद वे ग्रेजुएशन करने के लिए वे पुणे आ गए थे।

    पार्टटाइम नौकरी भी की

    पुणे में आने के बाद मंगेश खिलारी को 'मुझे छत्रपति शाहू महाराज अनुसंधान, प्रशिक्षण और मानव विकास संस्थान से छात्रवृत्ति मिल गई थी, जो कि उनके लिए काफी हेल्पफुल थी। इससे उनका रहने और पढ़ने का खर्चा निकलता था। इसके अलावा, उन्होंने अपने पढ़ाई सहित अन्य जरूरी खर्चे पूरे करने के लिए उस कोचिंग संस्थान में पार्ट टाइम टीचर के रूप में भी काम किया, जहां से उन्होंने पढ़ाई की थी।

    तीसरे प्रयास में क्रैक किया UPSC एग्जाम

    मंगेश ने पूरे जी-जान से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी। दो प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली थी। हालांकि, दो अटेम्प्ट में वे इंटरव्यू तक पहुंचे थे लेकिन सिर्फ तीन नंबर कम होने के चलते वे सफल नहीं हो सके। इसके बाद तीसरे प्रयास में वे इस एग्जाम को क्रैक कर पाए थे। थर्ड अटेम्प्ट में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 396 रैंक हासिल की थी।