छात्रों को अब आईआईटी इकोसिस्टम को देखने का मिलेगा मौका, ओपन हाउस के लिए करें रजिस्ट्रेशन
आईआईटी मद्रास सहित देश के प्रमुख आईआईटी और शीर्ष तकनीकी संस्थानों ने छात्रों को शोध व नवाचार से जोड़ने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत कई तकनीकी और शोध संस्थान छात्रों को अपना परिसर देखने के लिए बुलाएंगे।

छात्रों के लिए आईआईटी मद्रास की पहल।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: स्कूली बच्चों में शोध और नवाचार के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक और अहम पहल की है, जिसमें आईआईटी सहित देश के शीर्ष तकनीकी और शोध संस्थान अब स्कूली बच्चों को अपने परिसर में बुलाएंगे और उन्हें अपने यहां चलने वाले शोध और नवाचार की गतिविधियों से परिचित कराएंगे। इस दौरान उनके साथ अभिभावक भी इन संस्थानों के इकोसिस्टम को करीब से देख सकेंगे। साथ ही प्रत्येक बच्चों के प्रति इन संस्थानों के जुड़ाव को भी परख सकेंगे।
आईआईटी मद्रास की ओर से स्कूली छात्रों के लिए 'ओपन हाउस 2026' शुरू की गई है। आईआईटी मद्रास की इस पहल के तहत दूसरे आईआईटी व शीर्ष तकनीकी संस्थानों को भी ऐसी पहल शुरू करने को कहा गया है। आईआईटी मद्रास ने इसे लेकर अपना कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। आईआईटी मद्रास की आधिकारिक अधिसूचना के तहत 02 से 04 जनवरी, 2026 तक उन्होंने अपने परिसर को सभी के लिए खोल दिया है। हालांकि इसके लिए छात्रों-अभिभावक और उद्यमियों को पहले पंजीकरण कराना होगा।
इसके तहत अन्य शोध व तकनीकी संस्थानों से भी अपने यहां चलने वाले शोध व नवाचार से छात्रों को रूबरू कराने को कहा गया है। जिसमें उन्हें इससे जुड़े स्टॉल आदि लगाने को कहा है। आईआईटी मद्रास ने तो इस पहल के तहत अपनी प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक परिसर को भी स्कूली छात्रों के लिए खोलने का फैसला लिया है। मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक आईआईटी मद्रास इस पहल में इसलिए बढ़त लिए हुए है, क्योंकि पिछले दो सालों से वह इस दिशा में काम कर रहा है। ऐसे में वह पूरी तैयारी से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस दौरान सभी शीर्ष तकनीकी संस्थानों से कहा गया है कि वह आसपास के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ संस्थान के प्रति रुचि दिखाने वाले देश भर के बच्चों को अपनी गतिविधियों को दिखाने का मौका दें। तकनीकी संस्थानों की इस पहल को राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति ( एनईपी) से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जिसमें शीर्ष संस्थानों से स्कूली बच्चों की मेंटरिंग और उनकी प्रतिभाओं को निखारने का सुझाव दिया गया है।

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