पतंजलि की सराहनीय पहल, वंचित बच्चों की शिक्षा का भविष्य संवारने का उठाया जिम्मा
पतंजलि स्वास्थ्य उत्पादों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दे रहा है। पतंजलि के शैक्षणिक संस्थानों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा खाना यूनिफॉर्म और हॉस्टल जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। पतंजलि यूनिवर्सिटी में आधुनिक शिक्षा और प्राचीन भारतीय ज्ञान का मेल है। पतंजलि की शिक्षा योजनाएं लड़कियों और ग्रामीण भारत में शिक्षा के प्रसार को प्राथमिकता देती हैं।

डिजिटल डेस्क, हरिद्वार। शिक्षा हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। न केवल यह हमें ज्ञानी बनाती है बल्कि सही-गलत की समझ भी देती है। सही शिक्षा एक व्यक्ति, समाज और देश तीनों के विकास को गति देती है। जहां आजकल शिक्षा पाना काफी आसान है, समाज के कुछ तबके के लोगों के लिए यह आज भी एक चुनौती है। ऐसे में पतंजलि ने वंचित बच्चों को शिक्षा दिलाने का जिम्मा उठाया है जो कि एक सराहनीय पहल है।
'पतंजलि' नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले आयुर्वेद और योग का ख्याल आता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पतंजलि स्वास्थ्य उत्पादों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान दे रहा है। समाज के पिछड़े और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए पतंजलि की शिक्षा योजनाएं रोशनी की किरण बनकर सामने आयी हैं।
पतंजलि की शिक्षा योजनाओं का उद्देश्य
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा स्थापित पतंजलि का मूल उद्देश्य केवल व्यापार करना नहीं बल्कि समाज में बदलाव की क्रांति लाना भी है। संस्थान और संस्थापकों का मानना है कि देश का असली विकास तभी होगा जब हर बच्चा शिक्षित होगा। मजबूत आर्थिक स्थिति वाले बच्चों के लिए शिक्षा की राह आसान है लेकिन वंचित वर्ग के बच्चों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए काफी परेशानियों से जूझना पड़ता है। ऐसे में पतंजलि की शिक्षा योजनाएं इन बच्चों को उम्मीद दिलाती हैं कि वो भी दूसरे बच्चों की तरह अच्छी से अच्छी शिक्षा पाने के हकदार हैं।
पतंजलि के शैक्षणिक संस्थान
इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए पतंजलि ने कई स्कूल और शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए हैं जिसमें हरिद्वार में स्थित आवासीय विद्यालय आचार्यकुलम् सबसे प्रमुख है, जिसे परमपूज्य स्वामी जी महाराज व परमश्रद्धेय आचार्यश्री महाराज द्वारा स्थापित किया गया। यह एक अनोखा स्कूल है जहाँ मॉडर्न विषयों जैसे मैथ्स,साइंस और कंप्यूटर के साथ-साथ बच्चों को भारतीय संस्कृति, योग और संस्कृत आदि वैदिक ज्ञान का भी पाठ पढ़ाया जाता है।
हाल ही में आचार्यकुलम् में हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट का परीक्षाफल शत प्रतिशत आने पर छात्रों में हर्षोल्लास का वातावरण रहा। इस वर्ष हाईस्कूल में अथर्व ने 99.40 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम, ध्रुव ने 98 प्रतिशत अंकों के साथ द्वितीय, सान्या सेजल ने 97.80 प्रतिशत अंकों के साथ विद्यालय में तृतीय स्थान प्राप्त किया। बता दें कि पतंजलि के ज़्यादातर स्कूलों में गरीब और वंचित बच्चों को कम लागत या निशुल्क शिक्षा दी जाती है। यहाँ तक कि पढ़ाई के अलावा खाना, यूनिफॉर्म, किताबें और रहने के लिए हॉस्टल भी दिए जाते हैं ताकि बच्चे बिना किसी चिंता के अच्छे से पढाई कर सकें।
पतंजलि यूनिवर्सिटी, पतंजलि का एक और महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान है, जहाँ आधुनिक शिक्षा और प्राचीन भारतीय ज्ञान का अनूठा मेल देखने को मिलता है। इस विश्वविद्यालय का मूल उद्देश्य छात्रों को ज्ञान, अनुशासन और संस्कारों में परिपक्व बनाना है, ताकि वह प्रोफेशनल दुनिया में खुद कि अलग पहचान बनाने के लिए तैयार हो सकें और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। इस यूनिवर्सिटी में कई कोर्स कराए जाते हैं इनमें संस्कृत, योग विज्ञान, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, शारीरिक शिक्षा आदि शामिल हैं।
पतंजलि के शैक्षणिक संस्थानों में समग्र विकास पर ज़ोर दिया जाता है। यहाँ किताबी ज्ञान के साथ ही बच्चों के शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास पर भी ज़ोर दिया जाता है। इससे बच्चे न केवल अच्छे विद्यार्थी बल्कि अच्छे इंसान भी बनते हैं।
बेटियों की शिक्षा को तवज्जो
पतंजलि की शिक्षा योजनाओं में लड़कियों को खास प्राथमिकता दी जाती है। आज़ादी के 78 साल बाद भी हमारे देश में लड़कियों की पढ़ाई को उतना महत्व नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए। ऐसे में बेटियों की शिक्षा को लेकर पतंजलि बहुत ही सजग है। पतंजलि द्वारा चलाये जा रहे स्कूलों में बालिकाओं को अच्छी शिक्षा के साथ सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल भी दिया जाता है जिससे वह भी पढ़-लिखकर अपने सपनों की उड़ान भर सकें।
ग्रामीण भारत में शिक्षा का प्रसार
पहले गांवों और दूर-दराज के इलाकों में पढ़ाई की सुविधा बहुत कम थी इसलिए पतंजलि ने इन्ही इलाकों में स्कूल खोलने का निर्णय लिया जिससे अब ग्रामीण बच्चों को भी शहर के बच्चों की तरह बेहतर शिक्षा मिल पा रही है। न सिर्फ स्कूल बल्कि पतंजलि ने इन इलाकों में स्किल डेवलपमेंट और वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर्स भी खोले जिससे बच्चों को आधुनिक सेवाओं जैसे कम्प्यूटर, आर्गेनिक फार्मिंग आदि कि भी ट्रेनिंग दी जा सके। इन कोर्स की मदद से गांवों के युवा बच्चे आत्मनिर्भर बनते हैं और रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करते हैं।
संक्षेप में कहें तो पतंजलि की शिक्षा योजनाएं समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं। इससे न केवल बच्चों बल्कि पूरे समुदाय के विकास कि राह आसान हो जाती है। एक शिक्षित बच्चे के साथ पूरा समाज भी प्रगति करता है जिससे अंततः देश कि प्रगति को दिशा मिलती है।
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