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    क्या सच में एक पटवारी की सैलरी इतनी कम होती है, जिससे शादी न करने के लिए अर्चना तिवारी 13 दिन तक रही लापता

    क्या सच में एक पटवारी की सैलरी इतनी कम होती है जिससे शादी न करने के लिए अर्चना तिवारी इंदौर से नेपाल के बोर्डर तक जा पहुंची। आखिर एक पटवारी कौन होता है उसका क्या काम होता है और पटवारी को भारत के अलग-अलग राज्यों में किस नाम से पुकारा जाना है जानेंगे सब कुछ इस लेख में।

    By Neha Singh Edited By: Neha Singh Updated: Fri, 22 Aug 2025 06:12 PM (IST)
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    यहां देखें भारत में पटवारी के अलग-अलग नाम।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: कुछ दिनों से सुर्खियों में रही अर्चना तिवारी अब मिल गई है। दरअसल रक्षाबंधन के मौके पर अर्चना तिवारी इंदौर से अपने घर कटनी जा रही थी। रहस्यमय तरीके से गायब हुई अर्चना तिवारी को पुलिस ने नेपाल बॉर्डर के पास से बरामद किया गया। लेकिन सवाल यह उठता है, आखिर अर्चना तिवारी इतने दिनों से क्यों लापता थी। आपको बता दें, अर्चना तिवारी इंदौर में ज्यूडिशियल सर्विस की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उनके ऊपर परिवार की ओर से एक पटवारी से शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन अर्चना तिवारी अभी पटवारी से शादी के लिए तैयार नहीं थी। आखिर अर्चना को एक पटवारी क्यों पसंद नहीं था, पटवारी कौन होते हैं और पटवारी की सैलरी कितनी होती है, जानेंगे इस लेख में।

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    पटवारी कौन होते हैं

    एक पटवारी के पास जमीनी स्तर पर कई काम होते है। उनके पास राजस्व से संबंधित मामलों से लेकर भूमि को खरीदना व बेचने और जमीन का नाप करवाना और जमीनों का नक्शा बनवाने जैसे काम भी होते है। इसके अतिरिक्त एक पटवारी के पास आपदा का प्रबंधन करना, कृषि गणना करवाना और आर्थिक सर्वेक्षण जैसे तमाम काम भी होते है। पटवारी को ये सभी काम बेहद ही जिम्मेदारी से करने होते है।

    पटवारी बनने के लिए योग्यता

    पटवारी के पदों पर रिक्तियों के लिए समय-समय पर अलग-अलग राज्यों की ओर से विज्ञापन जारी किए जाते है। पटवारी बनने के लिए उम्मीदवारों के पास स्नातक की डिग्री अनिवार्य होती है। इसके अलावा, एक पटवारी को कंप्यूटर चलाने व कंप्यूटर में काम करने का अनुभव भी होनी चाहिए। साथ ही पटवारी बनने के लिए उम्मीदवारों की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

    कैसे होता है चयन

    वैसे तो पटवारी के लिए अलग-अलग चयन प्रक्रिया होती है। राजस्थान में पटवारी का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर और मध्य प्रदेश में मेरिट अंक के आधार पर पटवारी का चयन किया जाता है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में पटवारी (लेखपाल) के पदों के लिए केवल उन्हीं उम्मीदवारों का चयन किया जाता है, जिन्होंने प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) दी हो ।

    कितनी मिलती है सैलरी

    पटवारी के लिए वेतनमान उनके अनुभव के आधार पर तय किया जाता है। अगर किसी पटवारी की नई नियुक्ति हुई है, तो उन्हें अधिकतम 25 हजार रुपये तक प्रतिमाह का वेतनमान प्रदान किया जाता है। जबकि कार्यानुभव के आधार पर वेतन में वृद्धि होती रहती है। एक अनुभवी पटवारी को अधिकतम 50 हजार से अधिक का प्रतिमाह वेतनमान प्रदान किया जाता है।

    पटवारी के अलग-अलग नाम

    भारत के अलग-अलग राज्य में पटवारी को अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इन्हें लेखपाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में इन्हें पटवारी के नाम से जाना जाता है। साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में पटवारी को 'तलाठी' के नाम से जाना जाता है। 

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