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    Independence Day 2023 GK: स्वतंत्रता के बाद बदल गए इन राज्यों और शहरों के नाम, इस आधार पर हुए बदलाव

    By Rishi SonwalEdited By: Rishi Sonwal
    Updated: Fri, 04 Aug 2023 01:10 PM (IST)

    Independence Day 2023 GK आजादी के अमृत महोत्सव के इस अवसर आइए हम आपको स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की रोचक घटनाओं में से एक विभिन्न राज्यों व शहरों बदले गए नाम के बारे में बताते हैं। इन राज्यों व शहरों में उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड वाराणसी मुंबई कोलकाता चेन्नई और पुणे शामिल हैं। स्वतंत्रता प्राप्त के बाद यूनाइटेड प्रोविन्स सबसे पहला राज्य था जिसका नाम बदला गया था।

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    Independence Day 2023 GK: बनारस का नाम वर्ष 1956 में बदलकर वाराणसी किया गया था।

    Independence Day 2023 GK: आने वाले 15 अगस्त, 2023 को हमारी आजादी के 76 वर्ष पूरे हो जाएंगे और पूरा देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव के इस अवसर आइए हम आपको स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की रोचक घटनाओं में से एक विभिन्न राज्यों व शहरों बदले गए नाम के बारे में बताते हैं। इन राज्यों व शहरों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, वाराणसी, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और पुणे शामिल हैं।

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    यूनाइटेड प्रोविन्स बना उत्तर प्रदेश

    वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यूनाइटेड प्रोविन्स सबसे पहला राज्य था जिसका नाम बदला गया था। यूनाइटेड प्रोविन्स का नाम वर्ष 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया और इसके बाद यह भारतीय गणराज्य हिस्सा बन गया था। उत्तर प्रदेश के गठन के बाद इसके हिमालयी क्षेत्रों में अशांति फैल गई थी, जिसके पीछे लोगों की मान्यता थी कि लखनऊ से इतने बड़े पूरे राज्य का प्रशासन संभव नहीं और इसलिए इसके हिस्से में से नए उत्तरांचल राज्य का गठन आगे चलकर किया गया।

    उत्तरांचल बना उत्तराखण्ड

    उत्तर प्रदेश के हिमालयी हिस्से को अलग करके अलग राज्य उत्तरांचल 9 नवंबर 2000 को बनाया गया था, जो कि भारत का 27वां राज्य बना। बाद में इसका नाम 1 जनवरी 2007 को बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। माना जाता है कि इस राज्य का नाम बदलना उन लोगों को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका था जिन्होंने उत्तराखंड आंदोलन के नाम पर इस राज्य में लड़ाई लड़ी थी।

    बनारस बना वाराणसी

    शहरों की बात करें तो पौराणिक शहर बनारस का नाम वर्ष 1956 में बदलकर वाराणसी किया गया था। यह नाम इस शहर में बहने वाली ‘वरूणा’ नदी और विख्यात ‘अस्सी’ घाट के नामों को मिलाकर रखा गया। इसकी उत्पत्ति के बारे में पुरानी मान्यता यह भी है कि वरुणा नदी को ही वाराणसी के नाम से जाना जाता था।

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    बॉम्बे बना मुंबई

    भारत की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले बॉम्बे का नाम वर्ष 1996 में बदलकर मुंबई कर दिया गया। इस शहर बॉम्बे नाम अंग्रेजों ने 17वीं शताब्दी में दिया था। हालांकि, 1996 में सरकार ने ‘मुंबा’ यानी महा अम्बा (Goddess) और मराठी में ‘आई’ (Mother) के आधार पर मुंबई कर दिया।

    कलकत्ता बना कोलकाता

    इसी प्रकार ब्रिटिश शासनकाल के दौरान भारत की राजधानी रहे कलकत्ता का नाम वर्ष 2001 में बदलकर कोलकाता कर दिया गया। इसके पीछे अन्य कारणों में अतिरिक्त एक मुख्य कारण है बंगाली भाषा में कलकत्ता शब्द का उच्चारण, जो कि आम बोलचाल में कोलकाता लोकप्रिय था। इसके अतिरिक्त यह नाम कोलिकाता से भी मिलता-जुलता है, जो किए उन तीन गांवों में से एक का नाम है जो मूल रूप से वर्तमान शहर की साइट पर मौजूद थे। उस गाँव का नाम और वर्तमान कोलकाता का नाम बंगाली शब्द किलकिला से लिया गया है, जिसका अर्थ समतल क्षेत्र होता है।

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    मद्रास बना चेन्नई

    इसी प्रकार, दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य की राजधानी मद्रास का नाम वर्ष 1996 में बदलकर चेन्नई कर दिया गया। मद्रासपट्टिनम शब्द से लिया गया 'मद्रास' नाम इस शहर को उपनिवेशवादियों द्वारा दिया गया था। माना जाता है कि मद्रास और चेन्नई दोनों मद्रासपट्टिनम और चेन्नपट्टनम शहरों से मिलकर बने हैं जिसे हम आज जानते हैं।

    पूना बना पुणे

    पश्चिमी भारत के प्रमुख शहरों में से एक पूना शहर का नाम वर्ष 1978 में बदलकर पुणे कर दिया गया था। इस शहर का सबसे पुराना संदर्भ 937 ईसा पूर्व के राष्ट्रकूट राजवंश के तांबे की प्लेट पर अंकित पाया जा सकता है, जो शहर को 'पुण्य विषय' के रूप में संदर्भित करता है।