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Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस पर दें ये स्पीच, स्कूल-कॉलेज में जम जाएगी धाक

Independence Day 2023 इस वर्ष 15 अगस्त को देशभर में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। अगर आप भी स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल कॉलेज सरकारी भवन या सोसाइटी में भाषण देना चाहते हैं तो आप सरल भाषा में एक अच्छा भाषण यहां से प्राप्त कर सकते हैं। इस भाषण का उपयोग करके आप स्कूल कॉलेज व अन्य जगहों पर अपने विचार प्रकट कर विजन को सामने रख सकते हैं।

By Amit YadavEdited By: Amit YadavTue, 15 Aug 2023 06:03 AM (IST)
Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस पर दें ये स्पीच, स्कूल-कॉलेज में जम जाएगी धाक
Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में।

Independence Day 2023: अगर आप भी आज, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल या कॉलेज में स्पीच देने की सोच रहे हैं और एक ऐसे भाषण की तैयारी कर रहे हैं जिससे आपका नाम हो तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। हम यहां आसान एवं सरल भाषा में एक स्पीच बता रहे हैं जिसको आप अपने स्कूल, कॉलेज या सोसाइटी में यूज कर सकते हैं और अपनी धाक जमा सकते हैं।

Independence Day 2023: 15 अगस्त पर भाषण हिंदी में

आदरणीय प्रिंसिपल, टीचर, अतिथिगण एवं मेरे दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज का दिन हम सभी के लिए खास है और यह खास इसलिए है क्योंकि आज ही के दिन हमारा देश आजाद हुआ था। आज हम सभी मिलकर 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। आज के दिन हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों का नमन करते हैं और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं जिनके बलिदान के फलस्वरूप आज हम सबसे बड़े लोकतंत्र देश के रूप में उभरकर सामने आये हैं। आज हमारा देश विश्व पटल पर अपने लोकतंत्र की बदौलत शीर्ष पर मौजूद है। इन वीर सपूतों को याद करते हुए मेरे जेहन में एक कविता आई है-

  • आओ झुककर सलाम करें उन्हें,
  • जिनकी जिंदगी में मुकाम आया है,
  • किस कदर खुशनसीब है वो लोग,
  • जिनका लहू भारत के काम आया है।

हमारे देश की आजादी में न जाने कितने ही लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी इनमें से कुछ प्रमुख महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, राजगुरु, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस हैं जिन्हें हम सभी जानते हैं और उनके बलिदान को सराहते हैं लेकिन हमें ध्यान रखना होगा की आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। तो आज हम इन वीर सपूतों के अलावा उन सभी सेनानियों को नमन करते हैं जिन्होंने हमारे देश को आजाद करने में अपनी भूमिका निभाई और अपने प्राणों का बलिदान दिया।

  • आयो चलो फिर से वो नजारा याद कर लें,
  • शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर लें,
  • जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पर,
  • बलिदानियों के खून की वो धारा याद कर लें।

अंत में मैं कहना चाहूंगा कि हमारा देश सोने की चिड़िया था जिसे कई वर्षों तक गुलामी की जंजीर में बांधकर लूटा गया लेकिन हम 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गए। लेकिन हम अभी भी कुछ चीजों से आजाद नहीं हुए हैं और वो है जाति, धर्म, महिलाओं की इज्जत करना, दूसरों का आदर करना। तो आइये हम सब आज शपथ लें कि आगे बढ़कर इन चीजों को अपने समाज से धीरे-धीरे समाप्त करेंगे और सभी धर्मों को समान मानते हुए एक दूसरे की इज्जत करेंगे। महिलाओं के साथ ही सभी का आदर करेंगे ताकि हमारा देश एक बार फिर से सोने की चिड़िया कहला सके।

  • आइये तोड़ दें जंजीरें जाति और धर्म की,
  • क्योंकि असली मंजिल पाना अभी बाकी है,
  • कभी कहलाते थे सोने की चिड़िया,
  • उस दम्भ को दोबारा पाना अभी बाकी है।

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