IAS Success Story: एक ट्रेन हादसे से लिया सबक, दो बार निराशाओं के बाद बिना कोचिंग के IAS बनी प्रीति बेनीवाल
हरियाणा की रहने वाली प्रीति बेनिवाल ने सिविल सेवा की तीन बार परीक्षा दी और अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने सफलता हासलि की। तीसरे प्रयास में प्रीति बेनिवाल ने बिना कोचिंग के 754 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनीं। (जागरण फोटो)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। हर युवा का सपना होता है कि वह सिविल सेवा की परीक्षा को पास करें और भारत के लोकतंत्र की बागडोर संभाले। लेकिन सिविल सेवा की परीक्षा पास करना इतना ही मुश्किल है। युवा कई सालों तक इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और दिन रात मेहनत कर सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं।
754 रैंक हासिल कर आईएएस बनीं प्रीति
आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से एक एससीआईएस अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके जीवन में घटित हुए एक हादसे ने उन्हें आईएएस ऑफिसर बनने के लिए प्रेरित किया। हरियाणा की रहने वाली प्रीति बेनीवाल ने तीन बार सिविल सेवा की परीक्षा दी और अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने बिना कोचिंग के 754 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी का पद हासिल किया। हालांकि उन्हें इस पद तक पहुंचने में जीवन के कई उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ा। आइए जानिए प्रीति बेनीवाल की कहानी।
क्लर्क से मिला FCI में असिस्टेंट जनरल-2 का पद
प्रीति बेनीवाल हरियाणा की डुपेडी गांव की निवासी है। उन्होंने पानीपत से अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी की और 12वीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद हरियाणा के इसराना कॉलेज से बीटेक और एमटेक की डिग्री हासिल की। एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रीति बेनीवाल की ग्रामीण बैंक में ही क्लर्क की नौकरी लग गई। उन्होंने 2013 से 2016 तक अपनी सेवाएं दीं। हालांकि, इस दौरान वह सरकारी सेवाओं की भी तैयारी कर रहीं थी। ग्रामीण बैंक में क्लर्क नौकरी के दौरान ही उनका चयन FCI में असिस्टेंट जनरल-2 के पद पर हो गया। यहां भी उन्होंने कुछ सालों तक काम किया और सरकारी नौकरी की तैयारी भी जारी रखी।
रेल दुर्घटना का हुईं शिकार
प्रीति बेनीवाल नौकरी करते करते भी सरकारी परीक्षाओं की तैयारियां करती थी, इसलिए एफसीआई में नौकरी करते हुए वह प्रमोशन के लिए एग्जाम देने जा रही थी। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर उनका पैर फिसल गया, जिससे वह पटरी पर गिर गईं और ट्रेन गुजरने की वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सुसराल वालों ने छोड़ा साथ
अस्पताल में प्रीति की 14 सर्जरी हुईं और उन्हें एक साल तक बेड रेस्ट करना पड़ा। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब प्रीति इस हादसे का शिकार हुई, तो उनके पति व ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें इसी हालत में छोड़ दिया। इस हादसे से वह पूरी तरह से टूट गईं। लेकिन उन्होंने तब भी हार नहीं मानी, बल्कि एक आईएएस अधिकारी बनने का निर्णय लिया। वह दिन-रात मेहनत कर सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारियों में जुटी रहीं।
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तीसरे प्रयास में हासिल की 784 रैंक
प्रीति ने तैयारी के बाद अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह फेल हो गईं। इसके बाद नए जोश के साथ उन्होंने दूसरा प्रयास किया, लेकिन दूसरे प्रयास में भी उन्हें निराशा ही मिली। लेकिन उनका उत्साह और लक्ष्य एकदम अडिग रहा। प्रीति ने बिना कोचिंग के तीसरे प्रयास में परीक्षा पास करते हुए 754 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी का पद हासिल किया।
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