Himachal: पूर्ण साक्षर राज्य बनने के साथ शीर्ष पर भी पहुंचा हिमाचल, अभी थमेगा नहीं सफर, सीएम ने बताई आगामी रणनीति
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में इसकी घोषणा की। 1947 में प्रदेश की साक्षरता दर केवल 7 प्रतिशत थी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इसे स्वर्णिम अध्याय बताया। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 95 प्रतिशत से अधिक साक्षरता होने पर राज्य को पूर्ण साक्षर घोषित किया जाता है। हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 99.03 प्रतिशत है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Literacy Rate, किसी भी देश की खुशहाली और विकास इस बात पर निर्भर करता है कि वहां रहने वाले लोग कितने पढ़े-लिखे हैं। शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर हिमाचल के नाम बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। हिमाचल पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025 के अवसर पर हिमाचल प्रदेश को ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित किया।
वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुआ था तो प्रदेश की साक्षर दर जहां 7 प्रतिशत थी। पहाड़ी सी चुनौतियों को पार करते हिमाचल ने इस उपलब्धि को हासिल किया है। यह कार्यक्रम निदेशालय स्कूल शिक्षा द्वारा आयोजित किया गया था।
विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात में भी अव्वल हिमाचल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य इस उपलब्धि को निर्धारित समय सीमा से पूर्व हासिल करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि निरक्षर से पूर्ण साक्षर का सफर चुनौतियों भरा रहा है। हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात में प्रदेश देश भर में अव्वल स्थान पर है।
200 स्कूल सीबीएसई बनेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में आने वाले दिनों में कई बड़े बदलाव होंगे। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भी बता सकते हैं कि कौन सा स्कूल मर्ज होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 200 स्कूल सीबीएसई बनाए जाएंगे, जबकि छात्र व छात्राओं के स्कूलों को भी मर्ज किया जाएगा।
शिक्षा से मेरा भावनात्मक संबंध, मेरे दादा भी संभाल चुके हैं विभाग : रोहित
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज का दिन हिमाचल के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विभाग के साथ उनका भावनात्मक संबंध है। उन्होंने कहा कि उनके दादा पूर्व मुख्यमंत्री स्व. रामलाल ठाकुर भी शिक्षा महकमा संभाल चुके हैं। डॉ. वाइएस परमार मंत्रिमंडल में वह शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने पार्टी हाईकमान का आभार व्यक्त किया कि उन्हें यह विभाग सौंपा। पहले दिन से ही हिमाचल को शीर्ष पर लाने के लिए सख्त निर्णय लिए गए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश द्वारा आजादी प्राप्त करने के बाद हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में लगभग अंतिम पायदान पर था। प्रदेश की सभी सरकारों ने अपने-अपने कार्यकाल में ज्ञान की अलख जगाए रखी।
साक्षरता स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर चुके हैं सचिव शिक्षा
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सचिव शिक्षा संजय कुमार ने वीडियो संदेश द्वारा हिमाचल को यह उपलब्धि हासिल करने के लिए शुभकामनाएं दी। शिक्षा सचिव ने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं में वृद्धि की जाएगी ताकि भविष्य की चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया जा सके। उन्होंने स्वंयसेवी अध्यापकों और नव साक्षरों ने अपने अनुभव साझा किये। विगत तीन दशक से अधिक समय में प्रदेश के पूर्ण साक्षरता के सफर में महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयंसेवी संस्थाओं और स्वंयसेवकों ने अमूल्य योगदान दिया है। राज्य के शिक्षा सचिव राकेश कंवर 1990 में साक्षरता मिशन में साक्षरता स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
अब हिमाचल पहुंचा नंबर-1 पर
- राज्य, साक्षरता दर
हिमाचल, 99.30
मिजोरम, 98.02
लक्ष्दीप, 97.03
त्रिपुरा, 95.07
राज्य को साक्षर घोषित करने का क्या है मानक
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तय मानकों के अनुसार जब किसी राज्य में 95 फीसदी या इससे अधिक आबादी साक्षर हो जाती हैं, तब उसे पूर्ण साक्षर राज्य घोषित कर दिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र को भेजे पत्र के मुताबिक, हिमाचल में 99.03 प्रतिशत लोग साक्षर हो गए हैं। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, किसी व्यक्ति को तब साक्षर माना जाता है, जब वह साधारण शब्द पढ़ व लिख लेता हो। गणित की साधारण गणनाएं कर सकता हो। ऐसे में राज्य में यदि लोग यह कर लेते हैं, तो उन्हें साक्षर माना जाता है।
एक लाख लोग निरक्षर थे
हिमाचल की अनुमानित आबादी लगभग 75.5 लाख है। राज्य में एक लाख लोग निरक्षर थे जिन्हें उल्लास कार्यक्रम के तहत साक्षर बनाया जा रहा है। सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में दोबारा परीक्षा होगी जिसमें जो लोग अभी साक्षर नहीं हुए हैं वह परीक्षा देंगे।
हर जनगणना में बढ़ती रही हिमाचल की साक्षरता दर
- वर्ष, साक्षरता दर, पुरुष, महिला
- 1951, 7.98, 12.97, 2.49
- 1961, 21.30, 32.30, 9.50
- 1971, 31.96, 43.19, 20.23
- 1981, 42.48, 64.27, 37.72
- 1991, 63.54, 75.36, 52.13
- 2001, 76.05, 05.03, 67.04
- 2011, 82.80, 89.53, 75.93
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2011 की जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 82.80 है। हिमाचल सांख्यिकी विभाग के सर्वेक्षण और आंकड़ों के संग्रह के अनुसार, मार्च 2024 तक हिमाचल की अनुमानित जनसंख्या 75.05 लाख है। राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक हिमाचल प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या 78.0 लाख है।
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