Gandhi Jayanti 2025: गांधी जयंती के अवसर पर इस बेहतरीन तरीके से दें स्पीच
02 अक्टूबर भारत में गांधी जयंती दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कई संस्थानों स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है। ऐसे में यदि आप भी गांधी जयंती के अवसर पर स्पीच प्रतियोगिता में शामिल होने वाले हैं तो यहां आपकी मदद के लिए एक स्पीच तैयार की गई है।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: प्रत्येक 02 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन महज गांधी जी का जन्म दिवस ही नहीं, बल्कि भारत के लिए यह दिन बेहद ही खास है। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए कई संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में निबंध, स्पीच, वाद-विवाद, पेंटिंग और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, ताकि भारत को आजादी दिलाने वाले व्यक्ति के संघर्षों और उनके प्रयासों को याद किया जा सकें। ऐसे में यदि आप भी अपने स्कूल या कॉलेज में स्पीच प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हैं, तो आपकी मदद के लिए यहां आसान भाषा में एक स्पीच तैयार की गई है, जो स्पीच प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने में आपकी मदद कर सकती हैं।
आदरणीय प्रिंसिपल, शिक्षक गण और मेरे प्रिय साथियों, जैसा की हम सभी जानते हैं, आज हम यहां गांधी जयंती के अवसर पर मौजूद हुए हैं। यह दिन महज हमारे प्रिय महात्मा गांधी के संघर्षों को याद करने का दिन नहीं, बल्कि जीवन को लेकर उनके उच्च आदर्शों और उनके अनमोल वचन को अपने जीवन में महत्व देना भी है। सत्य व अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर, 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। लेकिन लोग उन्हें प्यार से बापू नाम से पुकारते थे। महात्मा गांधी के उच्च विचार और उनके आदर्श ही है, जिसके कारण न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी आज उनकी प्रासंगिकता बनी हुई है।
महात्मा गांधी ने न केवल भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाई, बल्कि भारत में फैली कुरीतियों जैसे जातिवाद और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ भी उन्होंने आवाज उठाई। महात्मा गांधी एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत के युवा को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए सत्य व अंहिसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। महात्मा गांधी द्वारा अंग्रेजों व सामाजिक बुराई के खिलाफ किए गए आंदोलनों में से चंपारण सत्यग्रह, असहयोग आंदोलन, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, नमक सत्याग्रह आंदोलन सबसे प्रमुख आंदोलन थे।
गांधी जी का विचार सत्य ही ईश्वर है और अंहिसा परम धर्म है, हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन में हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए और अंहिसा के मार्ग पर चलना चाहिए। ऐसे में गांधी के महत्व को और अधिक बढ़ाने के लिए हमें अपने जीवन में उनके आदर्शों और उनकी विचारधारा को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। तो चलिये आज हम सभी संकल्प लेते हैं कि हम हमेशा अपने जीवन में नैतिकता और एकता के मार्ग पर चलेंगे।
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