Gandhi Jayanti 2025: महात्मा गांधी की जयंती पर 500 शब्दों का निबंध, 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी 156वीं वर्षगांठ
2 अक्टूबर के दिन को देशभर में प्रतिवर्ष महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को गांधी जयंती के साथ ही इस दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस वर्ष विश्वभर में गांधी जी की 156वीं जयंती सेलिब्रेट की जा रही है। इस दिन पर स्कूल कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर के दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन पर स्कूलों, कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और उनके द्वारा देश के लिए किये गए कार्यों को याद करके श्रद्धांजलि दी जाती है। इस दिन पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। अगर आप भी इस वर्ष गांधी जी की जयंती पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हैं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप यहां से 500 शब्दों का निबंध तैयार कर सकते हैं।
प्रस्तावना
हर साल 2 अक्टूबर को पूरे भारत में गांधी जयंती बड़े सम्मान और धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इस वर्ष उनकी 156वीं जयंती सेलिब्रेट की जा रही है। महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था जिसके चलते यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के रूप में समर्पित किया गया है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
गांधी जी बचपन से ही सच्चाई और ईमानदार थे। उन्होंने अपने जीवन में सादगी, सेवा भाव और त्याग को अपनाया। उनका मानना था कि बड़े बदलाव के लिए अहिंसा और सत्याग्रह सबसे प्रभावी हथियार हैं। गांधी जी ने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों के जरिये देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
देश की स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलनों का किया प्रतिनिधित्व
महात्मा गांधी ने देश की स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलनों का प्रतिनिधत्व किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह जैसे अनेक जन आंदोलन उनके द्वारा चलाए गए।
समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए उठाई आवाज
महात्मा गांधी ने आजादी के साथ ही समाज में फैली ऊंच-नीच सहित विभिन्न कुरीतियों को दूर करने के लिए भी अपनी आवाज मुखर रखी। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है इसलिए उनके सिद्धांत आज भी संसार में प्रासंगिक माने जाते हैं।
2 अक्टूबर को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
गांधी जी के विचार और उनके आदर्श वर्तमान समय में पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी गांधी जी द्वारा किये गए कार्यों को लेकर 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। गांधी जी के विचारों और शिक्षाओं ने न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी बल्कि पूरी दुनिया में सामाजिक न्याय, अहिंसा और शांति का संदेश फैलाया।
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गांधी जयंती मनाये जाने का उद्देश्य
गांधी जयंती का उद्देश्य उनके द्वारा दिए हुए सत्य, अहिंसा और सादगी के विचारों को प्रसारित करना है। गांधी जी की सीख आज भी लोगों को ईमानदारी, सामाजिक समरसता और नैतिक मूल्यों की ओर अग्रसर करती है। उनके जीवन से हम सीख सकते हैं कि बिना हिंसा के भी बड़े से बड़े बदलाव संभव हैं। गांधीजी की विरासत हमें हमेशा देश के लिए समर्पित रहने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
निष्कर्ष
गांधी जयंती केवल एक अवकाश या पर्व नहीं बल्कि यह दिन हम सभी को गांधीजी के विचारों को अपनाने और उनके आदर्शों का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है। इस दिवस पर स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थानों में गांधी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए भजन, प्रार्थना सभा, भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। राजघाट पर गांधी जी की समाधि पर विशेष श्रद्धांजलि और प्रार्थना आयोजित की जाती हैं जिसमें प्रतिवर्ष देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित अन्य गणमान्य लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं।
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