Gandhi Jayanti 2024 पर पढ़िए राष्ट्रपिता के ये दमदार भाषण, जिसने सिखाया सत्य और अहिंसा ही है सर्वोच्च धर्म
गांधी जी ने कहा था-आज हम एक ऐतिहासिक निर्णय लेने जा रहे हैं। जाति व्यवस्था के अन्याय को समाप्त करना होगा । सत्य और न्याय के लिए आमरण अनशन मेरा अंतिम हथियार है। लेकिन यह केवल एक व्यक्ति का संघर्ष नहीं है। यह पूरे समाज का संघर्ष है। हमें समझना होगा कि छुआछूत एक अभिशाप है जो हमारे समाज को खोखला कर रहा है।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देश के इतिहास में आज यानी कि 02 अक्टूबर की तिथि बेहद अहम है। दरअसल, आज के दिन ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनायी जाती है। साल 1869 में गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी एक महान नेता होने के साथ-साथ बड़े समाज सुधारक भी थे। उनके विचारों और भाषण ने समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है। आज उनकी जयंती के मौके पर पढ़ते हैं उनके कुछ ऐसे ही भाषण के अंश।
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स्वतंत्रता दिवस भाषण (15 अगस्त, 1947)
सत्य ही हमें महान राष्ट्र बनाएगा
'हमें स्वतंत्रता मिली है, लेकिन हमारा संघर्ष जारी है। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही हम एक महान राष्ट्र बना सकते हैं। सत्याग्रह का अर्थ है अपने विरोधियों के हृदय को बदलना, न कि उन्हें हराना। आज हमें खुशी मनानी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है। हमें अपने देश को गरीबी, अशिक्षा और भेदभाव से मुक्त करना है। यह काम आसान नहीं होगा। हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई हम सभी एक हैं। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएं जिस पर हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व कर सकें।'
स्रोतः हरिजन पत्रिका, अगस्त 1947 अंक
पूना पैक्ट भाषण (25 सितंबर, 1932)
आमरण अनशन अंतिम हथियार '
आज हम एक ऐतिहासिक निर्णय लेने जा रहे हैं। जाति व्यवस्था के अन्याय को समाप्त करना होगा । सत्य और न्याय के लिए आमरण अनशन मेरा अंतिम हथियार है। लेकिन यह केवल एक व्यक्ति का संघर्ष नहीं है। यह पूरे समाज का संघर्ष है। हमें समझना होगा कि छुआछूत एक अभिशाप है जो हमारे समाज को खोखला कर रहा है। सत्याग्रह का अर्थ है दृढ़ संकल्प के साथ सत्य पर डटे रहना । हम अछूतों को उनका अधिकार देंगे, लेकिन इसके लिए हमें अपने दिल में बदलाव लाना होगा। जब तक हम सभी को समान नहीं मानेंगे, तब तक हम सच्चे अर्थों में स्वतंत्र नहीं हो सकते।'
स्रोतः यंग इंडिया, अक्टूबर 1932 अंक
दांडी मार्च (12 मार्च, 1930)
एकता में ही हमारी ताकत है
'प्रिय देशवासियो, आज हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। मैं सत्य और अहिंसा में अटूट विश्वास रखता हूं। सत्याग्रह का अर्थ है सत्य का आग्रह, और यही हमारा मार्ग है। लक्ष्य स्वतंत्रता है और हम इसे शांतिपूर्ण तरीके से प्राप्त करेंगे। नमक कानून अन्यायपूर्ण है, हम इसका विरोध करेंगे। लेकिन याद रखें, हमारा विरोध हिंसक नहीं होगा। हम अपने शत्रुओं को भी प्रेम से जीतेंगे। यह मार्ग कठिन है, लेकिन यही सच्चा मार्ग है । हमारी ताकत हमारी एकता में है, हमारी दृढ़ता में है। आज से हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे। यह सत्याग्रह का मार्ग है, जो हमें स्वतंत्रता की ओर ले जाएगा।'
स्रोतः गांधी के संग्रहित कार्य, खंड 48
नोआखाली भाषण (7 नवंबर, 1946)
सत्य और अहिंसा सर्वोच्च धर्म हैं
'आज हम एक गंभीर परिस्थिति में हैं। सांप्रदायिक हिंसा हमारे देश को तोड़ दिया है। लेकिन मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि सत्य और अहिंसा सर्वोच्च धर्म हैं। सांप्रदायिक एकता के लिए हमें इन सिद्धांतों को अपनाना होगा। सत्याग्रह का मार्ग कठिन है, लेकिन यही एकमात्र मार्ग है। हमें अपने पड़ोसियों से प्रेम करना सीखना होगा चाहे वे किसी भी धर्म के हों। हमें एक-दूसरे के खिलाफ नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ खड़े होना है। याद रखें, हिंसा से कभी शांति नहीं आएगी। केवल प्रेम और करुणा से ही हम इस संकट से बाहर निकल सकते हैं।'
स्रोतः गांधी के संग्रहित कार्य, खंड 86
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