Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Gandhi Jayanti 2024 Speech: गांधी जयंती पर यहां से तैयार करें बेहतरीन भाषण, तालियों से होगा आपका अभिवादन

    Updated: Wed, 02 Oct 2024 08:37 AM (IST)

    प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन स्कूल कॉलेज सरकारी कार्यालयों सहित सामाजिक संस्थानों में भाषण कविताओं का मंचन किया जाता है। अगर आप भी इस अवसर पर भाषण देने जा रहे हैं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप यहां से कविताओं और क्वोट्स के साथ तैयार किये गए स्पीच को प्राप्त कर सकते हैं।

    Hero Image
    Gandhi Jayanti 2024 Speech यहां से करें प्राप्त। (Image-freepik)

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देश के साथ ही विदेश में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालयों सहित सामाजिक संस्थानों में भाषण, कविताओं का मंचन किया जाता है और गांधी जी को उनके द्वारा देश के लिए समर्पण को याद किया जाता है। अगर आप भी इस दिन पर स्पीच देने जा रहे हैं तो यह पेज आपके लिए बेहद उपयोगी है। आप यहां से कविताओं, क्वोट्स से लैस एक बेहतरीन भाषण का निर्माण कर सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस तरीके से तैयार करें भाषण

    इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को मेरा प्रेम भरा नमस्कार, जैसा कि सभी जानते हैं कि हम यहां एक ऐसे महापुरुष की जयंती के उपलक्ष्य में एकत्रित हुए हैं जिन्होंने हमारे देश को एक सूत्र में पिरोने के साथ ही देश की आजादी में अपने प्राणों की चिंता न करते हुए अपना सर्वस्व न्योछाबर कर दिया। ऐसे महापुरुष को श्रद्धांजलि देते हुए मैं सुमित्रानन्द पंत द्वारा लिखित कविता सुनना चाहता हूँ,तुम मांस-हीन, तुम रक्तहीन,

    • हे अस्थि-शेष! तुम अस्थिहीन,
    • तुम शुद्ध-बुद्ध आत्मा केवल,
    • हे चिर पुराण, हे चिर नवीन!
    • तुम पूर्ण इकाई जीवन की,
    • जिसमें असार भव-शून्य लीन;
    • आधार अमर, होगी जिस पर
    • भावी की संस्कृति समासीन।

    वैसे तो गांधी जी के बारे में हमारे देश में बच्चे-बच्चे को मालूम है लेकिन पिछले कुछ समय से मीडिया में गांधी जी के बारे में दुष्प्रचार भी सामने आया है। सोशल मीडिया के चलते लोग गांधी जी का अपमान ही करने लगे हैं। ऐसे लोगों से मैं रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता से जवाब देना चाहूंगा-

    • एक देश में बांध संकुचित करो न इसको,
    • गांधी का कर्तव्य-क्षेत्र दिक नहीं, काल है।
    • गांधी हैं कल्पना जगत के अगले युग की,
    • गांधी मानवता का अगला उद्विकास हैं।

    (Image-freepik)

    आपको पता होना चाहिए कि गांधी जी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। वे उस समय भी ग्राम स्वराज, पंचायती-राज, ग्रामोद्योग, महिलाओं की शिक्षा, गांवों में स्वच्छता और विकास के पक्षधर थे। मैं यहां उपस्थित सभी लोगों से यही कहना चाहूंगा गांधी जी के इस विजन को हम आगे तक लेकर जाने का संकल्प लें। उनके इस विजन के लिए मैं कहना चाहूंगा-

    • सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
    • मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
    • मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
    • मैं देश नहीं झुकने दूंगा।

    अपने इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं। जय हिन्द, जय भारत।

    यह भी पढ़ें- Google internship 2025: गूगल से करियर शुरू करने का बेहतरीन मौका, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग विंटर इंटर्न के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू