CBSE Board 10th Exam 2025: खत्म हुआ साइंस का पेपर, ईजी या टफ? पढ़ें स्टूडेंट्स के लिए कैसा रहा क्वैश्चन पेपर
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के लिए एग्जाम 15 फरवरी 2025 से शुरू हुए हैं। 12वीं कक्षा के लिए यह एग्जाम अप्र ...और पढ़ें

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से फिलहाल 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। इसी कड़ी में आज, 20 फरवरी, 2025 को दसवीं क्लास के लिए अहम विषयों में से एक साइंस का पेपर कंडक्ट कराया गया। परीक्षा दोपहर 1: 30 बजे तक हुई। एग्जाम कंप्लीट होने के बाद ही अब पेपर के स्तर के बारे में भी जानकारी सामने आ गई है। एक स्कूल के छात्र-छात्राओं का कहना है कि पेपर ठीक था। हालांकि, कुछ सेक्शन में जरूर प्रश्न थोड़े टफ थे लेकिन ओवरऑल पेपर ठीक रहा।
CBSE 10th Board Exam 2025: 10वीं क्लास में साइंस के पेपर में पास होने के लिए चाहिए 33 फीसदी अंक
सीबीएसई बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली दसवीं कक्षा की साइंस परीक्षा में पास होने के लिए स्टूडेंट्स को 33 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे। इससे कम अंक हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को एग्जाम में पास नहीं किया जाएगा। बता दें कि 10वीं की परीक्षाएं मार्च में समाप्त हो जाएंगी। परीक्षा के आखिरी दिन यानी कि 18 मार्च, 2025 को कंप्यूटर एप्लीकेशन, एआई सहित अन्य विषय का एग्जाम कराया जाएगा।
CBSE 12th Board Exam 2025:12वीं कक्षा में कल होगा फिजिक्स का पेपर
बारहवीं कक्षा में आज के दिन टाइपोग्राफी एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन का पेपर होगा। इसके बाद, कल, 21 फरवरी, 2025 को बारहवीं क्लास के लिए मेन विषयों में शामिल फिजिक्स का पेपर होगा। ऐसे में साइंस स्टूडेंट्स के लिए कल का दिन काफी अहम रहने वाला है।
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सीबीएसई बोर्ड कराएगा साल में दो बार परीक्षाएं
इससे इतर हाल ही में सीबीएसई बोर्ड की एक हाईलेवल की मीटिंग हुई है, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हुए हैं। इस बैठक में साल भर में दो बार परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, स्टूडेंट्स के लिए तनाव से मुक्त लर्निंग एनवायरमेंट क्रिएट करना, सरकार की प्राथमिकता है। इस अवसर पर फॉरेन स्टूडेंट्स के लिए ग्लोबल करिकुलर लॉन्च करने की योजना पर भी बात हुई। बता दें कि, नई शिक्षा नीति लागू करने के तहत बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत, अब बोर्ड एग्जाम साल में दो बार कराने की तैयारी है, जिससे स्टूडेंट्स को एग्जाम के स्ट्रेस से बचाया जा सके।

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