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    Beating Retreat Ceremony 2025: आज बीटिंग रिट्रीट के साथ होगा गणतंत्र दिवस का समापन, तीनों सेनाएं लेंगी सेरेमनी में भाग

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 11:34 AM (IST)

    गणतंत्र दिवस समोराह आज यानी 29 जनवरी की शाम को बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat 2025) के साथ समाप्त कर दिया जायेगा। बीटिंग रिट्रीट में देश की तीनों ही सेनाएं थल सेना वायु सेना और नौसेना भाग लेंगी। इस कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के साथ सीएपीएफ के 30 बैंड मनमोहक धुनों को बजाकर लोगों को अपना हुनर दिखाएंगे। इसका आयोजन विजय चौक पर किया जायेगा।

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    Beating Retreat 2025 की पूरी डिटेल यहां से करें चेक।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। यह कार्यक्रम 4 दिनों तक रहता है और 29 जनवरी को प्रतिवर्ष बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat 2025) के साथ इसका समापन किया जाता है। इस समारोह का आयोजन विजय चौक पर रायसीना रोड पर राष्ट्रपति भवन के सामने किया जायेगा।

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    तीनों सेनाएं लेंगी बीटिंग रिट्रीट में भाग

    बीटिंग रिट्रीट में तीनों ही सेनाएं- थल सेना, वायु सेना और नौसेना भाग लेंगी। तीनों ही सेनाओं के साथ इस वर्ष सीएपीएफ के 30 बैंड कल पारंपरिक धुन "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" के साथ इस समारोह का समापन करेंगी।

    इस साल बीटिंग रिट्रीट में इन धुनों का होगा समागम

    इस बार कदम कदम बढ़ाये जा, अमर भारती, इंद्रधनुष, जय जन्म भूमि, नाटी इन हिमालयन वैली, गंगा जमुना, वीर सियाचिन, विजय भारत, राजस्थान ट्रूप्स, ए वतन तेरे लिए, भारत के जवान, गैलेक्सी राइडर, स्ट्राइडर, रूबरू, मिलेनियम फ्लाइट फैंटेसी, राष्ट्रीय प्रथम, निषक निष्पद, आत्मनिर्भर भारत, स्वतंत्रता का का प्रकाश फैलाओ, रिदम ऑफ द रीफ, जय भारती, वीर सपूत, ताकत वतन, मेरा युवा भारत, ध्रुव, फौलाद का जिगर, प्रियम भारतम, ए मेरे वतन के लोगों और ड्रमर्स कल जैसी मनमोहक धुनें बजाई जाएंगी।

    26 जनवरी से क्या है संबंध

    आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन भारत की तीनों सेनाएं अपने हुनर का प्रदर्शन करती हैं। यह कार्यक्रम 4 दिन तक चलने के बाद 29 जनवरी की शाम को बीटिंग रिट्रीट के साथ खत्म कर दिया जाता है।

    बीटिंग रिट्रीट का इतिहास

    इस समारोह का इतिहास युद्ध से जुड़ा हुआ है। युद्ध के समय राजाओं के सैनिकों द्वारा सूर्यास्त के बाद जंग बंद कर दी जाती थी। सूरज ढलते ही बिगुल बजता था। दोनों तरफ की सेनाएं युद्ध के मैदान को छोड़ अपने टेंट या महल में चले जाते थे। समारोह को उस वक्त मारोह को तब 'वॉच सेटिंग' कहा जाता था।

    इसके अलावा केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार बिटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत 1952 में हुई। इस साल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके पति प्रिंस फिलिप भारत आए थे। भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने सेनाओं के बैंड द्वारा प्रस्तुत के अनूठे समारोह को देश से रूबरू करवाया।

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