Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में एवं 500 शब्दों का निबंध
देशभर में 26 जनवरी को 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस स्वर्णिम भारत विरासत और विकास थीम के साथ मनाया जा रहा है। अगर आप इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे हैं तो यहां से बेहतरीन एस्से तैयार कर सकते हैं। निबंध के साथ ही आप यहां से गणतंत्र दिवस के महत्वपूर्ण तथ्य भी जान सकते हैं।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत इस वर्ष 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट कर रहा है। पहली बार गणतंत्र दिवस भारत के द्वारा संविधान लागू किये जाने पर 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। 26 जनवरी को देशभर के स्कूलों, कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी इस बार गणतंत्र दिवस (76th Republic Day 2025) पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे हैं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप यहां से महत्वपूर्ण तथ्यों सहित 500 शब्दों का निबंध तैयार कर सकते हैं।
गणतंत्र दिवस पर 500 शब्दों का निबंध
प्रस्तावना
हमारा देश इस वर्ष 26 जनवरी को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह दिन हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है और सभी लोगों के प्रति समान व्यवहार करने का उचित पाठ पढ़ाता है। हमारा संविधान अनेकता में एकता से समाहित है और यही एकता एक राष्ट्र को विश्व पटल पर मजबूती से खड़ा रखने का काम करती है। हमारा संविधान दुनिया का सबसे अच्छा संविधान माना जाता है क्योंकि इसमें हर किसी के लिए चाहे वो कोई भी हो समान अधिकार प्रदान किये गए हैं।
स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास थीम का साथ सेलिब्रेट किया जा रहा 76वां गणतंत्र दिवस
हर वर्ष रिपब्लिक डे किसी विशेष थीम को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। इस वर्ष के लिए थीम "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" (Golden India: Heritage and Progress) है। इसके साथ ही प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पर एक विशेष अथिति को आमंत्रित किया जाता है। इस वर्ष चीफ गेस्ट के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो को आमंत्रित किया गया है।
कर्तव्य पथ पर झाकियां होंगी प्रदर्शित
गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रतिवर्ष झाकियां प्रदर्शित की जाती हैं। झाकियों के लिए राज्यों का चयन किया जाता है। इस वर्ष कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान 15 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की झाकियों को प्रस्तुत किया जायेगा। राज्यों की झाकियों के अलावा केंद्र सरकार की 11 टुकड़ियां भी परेड में शामिल होकर अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगी।
2 साल से अधिक समय लगा संविधान को बनाने में
भारत के संविधान को डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा ने बनाया था। डॉ. अंबेडकर के अलावा इस सभा में जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, पंडित गोविंद बल्लभ पंत, आचार्य जेबी कृपलानी, शरत चंद्र बोस, सच्चिदानंद सिन्हा थे। इस संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
संविधान को तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया था। इसके दो माह बाद 26 जनवरी 1950 को इसे देशभर में लागू कर दिया गया।
गणतंत्र दिवस पर 10 लाइनें
- 26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है।
- 76वें गणतंत्र दिवस की थीम "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" (Golden India: Heritage and Progress) है।
- इस बार परेड के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो को चीफ गेस्ट नियुक्त किया गया है।
- पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।
- संविधान सभा ने राष्ट्र को संविधान 26 नवंबर 1949 को समर्पित किया था।
- भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसमें देश के हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया गया है।
- हमारा संविधान जाति, धर्म, लिंग या भाषा से परेय है और यह किसी के साथ भी भेदभाव न करने की सीख देता है।
- गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज देश के राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाता है।
- 26 जनवरी पर परेड का आयोजन किया जाता है जिसमें भारत की तीनों ही सेनाएं (थल सेना, वायु सेना एवं जल्द सेना) भाग लेती हैं।
- गणतंत्र दिवस का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रीट्रीट के साथ किया जाता है।
निष्कर्ष
26 जनवरी एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है जो जाति-पांति, धर्म, ऊंच नीच से परेय है। लेकिन समाज में अभी भी कहीं कहीं लोग संविधान का पालन न करके लोगों को धर्म एवं जाति के आधार पर अलग अलग बांटते हैं। ऐसे में इस गणतंत्र दिवस हम सभी को एक शपथ लेनी चाहिए कि भारत के संविधान को पूरी तरह से पालन करके देश से सभी प्रकार की कुरीतियों को बाहर निकाल देना है और सभी से समान व्यवहार करके देश को आगे बढ़ाना है।
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