ASER: 11-12वीं के 55 फीसदी स्टूडेंट्स चुनते हैं ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम, 5.6 % युवा ही ले रहे हैं वोकेशन ट्रेनिंग
एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में केवल 5.6 प्रतिशत युवा ही फिलहाल में व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं या अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं। इसके साथ ही एएसईआर की वार्षिक रिपोर्ट में देश की शिक्षा स्थिति पर आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि 14-18 वर्ष आयु वर्ग के 86.8 प्रतिशत से अधिक यंगर्स्टस शैक्षणिक संस्थानों में नामांकित हैं।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देश में प्राइमरी से लेकर अपर प्राइमरी तक की कक्षाओं में शिक्षा की स्थिति के संबंध में कुछ आंकड़े सामने आए हैं। यह जानकारी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (Annual Status of Education Report, ASER) की ओर से आज, 17 जनवरी, 2024 को जारी की गई है। इसके अनुसार, कक्षा 11-12 के 55 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम को चुनते हैं। इसके बाद साइंस और कॉमर्स का नंबर आता है। इसके साथ ही, रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि कि छात्रों की तुलना में छात्राएं एसटीईएम स्ट्रीम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग,मैथ्स) में रजिस्टर्ड होने की संभावना कम है।
Annual Status of Education Report: 5.6 फीसदी कैंडिडेट्स ही ले रहे हैं वोकेशनल ट्रेनिंग
एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में केवल 5.6 प्रतिशत युवा ही फिलहाल में व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं या अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं। इसके साथ ही, एएसईआर की वार्षिक रिपोर्ट में देश की शिक्षा स्थिति पर आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि, 14-18 वर्ष आयु वर्ग के 86.8 प्रतिशत से अधिक यंगर्स्टस शैक्षणिक संस्थानों में नामांकित हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 14-18 वर्ष के आयु वर्ग के 25 प्रतिशत लोग अपनी रीजनल लैंग्वेज में क्लास 2 का चैप्टर को भी अच्छी तरह से नहीं पढ़ पाते हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, ओल्डर यूथ के नामांकित न होने की संभावना अधिक है। वहीं रजिस्टर्ड न होने वाले युवाओं का प्रतिशत 14 साल के युवाओं के लिए 3.9 प्रतिशत और 18 साल के युवाओं के लिए 32.6 प्रतिशत है।
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