41 फीसदी मैथ्स टीचर्स ने ग्रेजुएशन लेवल पर नहीं पढ़ा है Maths सब्जेक्ट, TISS की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ओर से किया गया यह सर्वे देश के विभिन्न राज्यों में किया गया है। इनमें महाराष्ट्र बिहार असम छत्तीसगढ़ कर्नाटक पंजाब मिजोरम तेलंगाना शामिल हैं। इसमें 22 स्कूलों में 3615 शिक्षक 422 मुख्य शिक्षक 68 शिक्षक शिक्षा संस्थान और बीएड में पढ़ने वाले 1481 छात्र शिक्षक और 268 टीचर और एजुकेटर शामिल थे।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। 41 फीसदी मैथ्स टीचर्स ने ग्रेजुएशन लेवल पर गणित विषय को पढ़ा ही नहीं है। यह जानकारी, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ओर से आज जारी हुई रिपोर्ट में सामने आई है। टीआईएसएस ने आज 19 जनवरी, 2024 को "राइट टीचर फॉर एवरी चाइल्ड: टीचर, टीचिंग और टीचर एजुकेशन रिपोर्ट 2023 शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इसमें कहा गया है कि, देश भर के आठ राज्यों में किए गए रिसर्च से पता चलता है कि सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में 35 से 41 प्रतिशत गणित शिक्षकों के पास स्नातक स्तर पर एक विषय के रूप में गणित नहीं था और वे फिर भी इस सब्जेक्ट को पढ़ा रहे थे।
TISS Report 2024: इन राज्यों में हुआ है यह सर्वेक्षण
यह सर्वे देश के विभिन्न राज्यों में किया गया था, जिनमें महाराष्ट्र, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब, मिजोरम, तेलंगाना शामिल हैं। इसमें 422 स्कूलों में 3615 शिक्षक, 422 मुख्य शिक्षक, 68 शिक्षक शिक्षा संस्थान और बीएड में पढ़ने वाले 1481 छात्र शिक्षक और 268 टीचर और एजुकेटर शामिल थे।
बता दें कि इसके पहले एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (Annual Status of Education Report, ASER) की ओर से भी एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई थी। इसमें कहा गया था कि कक्षा 11-12 के 55 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं मानविकी स्ट्रीम को चुनते हैं। इसके बाद साइंस और कॉमर्स का नंबर आता है। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि 14 साल से 18 वर्ष की आयु वर्ग के 25 प्रतिशत लोग अपनी रीजनल लैंग्वेज में क्लास 2 का चैप्टर को भी अच्छी तरह से नहीं पढ़ पाते हैं। इसके अलावा, ASER की रिपोर्ट में एजुकेशन से जुड़ी कई अन्य अहम बातें सामने आई हैं।
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