नॉर्वे के राष्ट्रीय ध्वज को 1821 में मिली थी औपचारिक मान्यता, यह स्कैंडिनेवियाई देशों की झलक प्रस्तुत करता है
नॉर्वे देश के राष्ट्रीय ध्वज को औपचारिक रूप से 17 जुलाई, 1821 को अपनाया गया था। इसमें समय के साथ-साथ कई संशोधन भी किए गए हैं। नॉर्वे राष्ट्रीय ध्वज का अनुपात 22:16 है। झंडे में मौजूद लाल, सफेद और नीले रंग के अलग-अलग मायने हैं।

यहां देखें नॉर्वे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में।
करियर डेस्क, नई दिल्ली: नॉर्वे एक ऐसा देश जो अपनी ऐतिहासिक विरासत और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। नॉर्वे को 'लैंड ऑफ द मिडनाइट सन' भी कहा जाता है। नॉर्वे की राजधानी ओस्ला है, जो नॉर्वे का सबसे बड़ा शहर और जनसंख्या की दृष्टिकोण से घनी आबादी वाला शहर है। नॉर्वे देश जितना अधिक खूबसूरत है, उससे कई रोचक इस देश के राष्ट्रीय ध्वज की ऐतिहासिक कहानी है। नॉर्वे का राष्ट्रीय ध्वज स्वतंत्रता, एकता और स्वाधीनता का प्रतीक माना जाता है। नॉर्वे के राष्ट्रीय ध्वज में गहरा लाल, सफेद और नीला रंग का नॉर्डिक क्रॉस स्कैंडिनेवियाई देशों की झलक को प्रस्तुत करता है। ऐसे में अगर आपको भी नॉर्वे देश पसंद है और आप इस देश के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी को सकता है।
राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन
नॉर्वे का राष्ट्रीय ध्वज आयताकार है, जिसमें गहरा लाल, सफेद और नीला रंग का क्रॉस बना हुआ है। झंडे में मौजूद नीले क्रास को नार्डिक क्रॉस भी कहा जाता है। राष्ट्रीय ध्वज का अनुपात 22:16 है। इसके साथ ही नॉर्वे के राष्ट्रीय ध्वज को साल 1821 में फ्रेडरिक मेल्टजर द्वारा डिजाइन किया था। दरअसल नॉर्वे के झंडे को डिजाइन करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि नॉर्वे का झंडा डेनमार्क और स्वीडन के झंडे से अलग तो दिखाई दे, लेकिन यह नार्डिक देशों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक एकता को दर्शाता हो।
रंगों का अर्थ
नॉर्वे के राष्ट्रीय ध्वज में गहरा लाल, सफेद और नीला रंग है, जिनके अलग-अलग मायने व उद्देश्य है। झंडे में मौजूद लाल रंग साहस और शक्ति प्रतीक है, जबकि नीला रंग डेनमार्क और स्वीडन की सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। ध्वज में मौजूद सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है। आपको बता दें, नॉर्वे कई सालों तक डेनमार्क और स्वीडन का हिस्सा रहा है। इसलिए नॉर्वे के राष्ट्रीय ध्वज में डेनमार्क और स्वीडन राष्ट्रीय रंगों को शामिल किया गया है, ताकि तीनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध बना रहे।
झंडे में हुए कई बार संशोधन
नॉर्वे के झंडे में समय के साथ-साथ कई संशोधन भी हुए है। बता दें, जब नॉर्वे डेनिश शासन के अधीन था, तब नॉर्वे ने कई झंडों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद डेनमार्क और नॉर्वे का विघटन हो गया, जिसके बाद नॉर्वे ने स्वीडन देश के प्रतीकों को दर्शाने वाले एक संशोधित ध्वज को अपनाया। इसके बाद 1821 में फ्रेडरिक मेल्टजर द्वारा डिजाइन किए गए झंडे को नागरिक ध्वज के रूप में अपनाया गया। साल 1844 में नॉर्वे के झंडे में स्वीडन के साथ संबंधों को दर्शाने के लिए 'संघ चिह्न' को जोड़ा गया। लेकिन 1899 से लेकर 1905 तक लोगों के बीच पूर्ण स्वतंत्रता की मांग अधिक बढ़ रही थी, जिसके कारण स्वीडन के संघ चिह्न को झंडे से हटा दिया गया और झंडे को दोबारा साल 1821 में अपनाए गए झंडे के रूप में मान्यता दी गई।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।