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    NEET UG 2025: इंग्लिश के आगे नहीं टिकती कोई भी लैंग्वेज, 80 % स्टूडेंट्स अंग्रेजी में देते हैं मेडिकल एग्जाम

    हिंदी भाषा से नीट यूजी परीक्षा (NEET UG 2025) देने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। साल 2019 में जहां 179857 लोगों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा लिए हिंदी को प्राथमिक भाषा के रूप में चुना था। वहीं साल 2024 में यह संख्या दोगुनी होकर 357908 हो गई है। हालांकि अभी भी 80 फीसदी कैंडिडेट्स इंग्लिश में ही नीट यूजी परीक्षा देते हैं।

    By Nandini Dubey Edited By: Nandini Dubey Updated: Thu, 13 Mar 2025 11:08 AM (IST)
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    NEET UG 2025: हिंदी भाषा में बढ़ी है परीक्षार्थियों की संख्या

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन लगातार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के त्रिभाषा फॉर्मूला का विरोध कर रहे हैं। साथ ही, राज्य में हिंदी भाषा थोपने का आरोप लगा रहे हैं। सीएम का कहना है कि, NEP को देश के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के लिए बनाया गया है। नीति और भाषा को लेकर चल रहे इस विवाद के बीच आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में भले ही अंग्रेजी से इतर अन्य भाषाओं में मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने वालो परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अभी इंग्लिश ही नंबर वन है। 80 फीसदी स्टूडेंट्स अंग्रेजी में नीट यूजी परीक्षा देते हैं।

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    एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) आयोजित करने वाली एजेंसी एनटीए के आंकड़ों के आधार पर कहा है कि, साल 2019 में 179,857 लोगों ने NEET के लिए हिंदी को प्राथमिक भाषा के रूप में चुना था, जबकि साल 2024 में यह संख्या दोगुनी होकर 357,908 हो गई है। इसी तरह, तमिल में परीक्षा देने का विकल्प चुनने वाले छात्रों की संख्या 2020 में 17,101 से बढ़कर 2024 में 36,333 हुई है।

    इंग्लिश अब भी है नंबर वन (NEET UG 2025)

    नीट परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड होने वाले करीब 80% छात्रों ने अभी भी अंग्रेजी को ही अपनी प्राइमरी भाषा के रूप में चुना। हालांकि इसका प्रतिशत साल 2019 में 79.3% से घटकर 2024 में 78.6% हो गया। ऐसे में इन पांच सालों में सिर्फ 0.7 प्रतिशत की गिरावट ही इंग्लिश लैंग्वेज में दर्ज की गई है।

    ये है अन्य भाषाओं की स्थिति 

    गुजराती में परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या 2019 में 59,395 से घटकर 2024 में 58,836 हो गई है। इस भाषा में स्टूडेंटस की संख्या घटी है। वहीं, उड़िया भाषा में भी यह संख्या घटी है। इसके मुताबिक, साल 2019 में 31,490 से घटकर 2024 में 1,312 छात्र-छात्राओं ने इस भाषा को चुना था। इसी तरह, उर्दू में परीक्षा देने वाले लोगों की संख्या भी 1,858 से घटकर 1,545 हो गई है।

    क्या है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का तीन भाषा फॉर्मूला ( NEP 2020, Three-Language Formula)

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का तीन भाषा फॉर्मूला के तहत, स्टूडेंट्स को स्कूलों में तीन भाषाओं में शिक्षित करना है। स्टूडेंट्स को दो भारत की मूल भाषाएं सीखनी होंगी। इसके अलावा, एक अन्य आधुनिक भारतीय भाषा को भी शामिल करने की सलाह दी गई थी। 

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