ASER Report: पढ़ाई नहीं सोशल मीडिया के लिए 76 फीसदी बच्चें करते हैं स्मार्टफोन का इस्तेमाल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
अगर लड़कों और लड़कियों के लिहाज से देखें तो इसमें एक बड़ा अंतर देखने को मिला है जैसे- 36.2 प्रतिशत लड़कों की तुलना में महज 26.9 प्रतिशत लड़कियों ने बताया कि उनके पास अपना स्मार्टफोन है। वहीं सेफ्टी फीचर्स में भी लड़कियां लड़कों से पीछे हैं। गर्ल्स की तुलना में ब्वॉयज ज्यादा सेफ्टी फीचर्स के बारे में नॉलेज रखते हैं।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। आजकल केवल बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बात का खुलासा एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट Annual Status of Education Report (Rural) की ओर से जारी रिपोर्ट से मिलता है। ASER 2024 के अनुसार, भारत में 14 से 16 वर्ष की आयु के लगभग 82.2 फीसदी बच्चें स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना जानते हैं, लेकिन उनमें से केवल 57 प्रतिशत ही ऐसे हैं, जो एजुकेशन से संबंधित एक्टिविटीज के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल 76 फीसदी बच्चों ने कहा कि, उन्होंने फोन का इस्तेमाल सोशल मीडिया के लिए किया है। इस सर्वे में देश के 17,997 गांवों में 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण में शामिल लगभग 90 प्रतिशत बच्चों ने बताया कि उनके पास घर पर स्मार्टफोन है। वहीं, लगभग 82.2 प्रतिशत ने कहा कि, वे स्मार्टफोन का उपयोग करना जानते हैं। इसमें 85.5 प्रतिशत लड़के और 79.4 प्रतिशत लड़कियां शामिल हैं। इस संबंध में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने कहा कि यह पहली बार था कि एएसईआर में 14-16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल लिटरेसी पर एक सेक्शन को शामिल किया गया था।
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ASER Report: लड़कियों के मुकाबले लड़के ज्यादा जानते हैं सेफ्टी फीचर्स
डिजिटल लिटरेसी पर आधारित हुए इस सर्वे में यह बात भी सामने आई कि, लड़कियों से ज्यादा लड़के सेफ्टी फीचर्स के बारे में ज्यादा जानते हैं। ASER रिपोर्ट के अनुसार, 62 प्रतिशत ने कहा कि वे जानते हैं कि, किसी प्रोफ़ाइल को कैसे ब्लॉक करना या फिर रिपोर्ट करना है। साथ ही 55.2 प्रतिशत जानते हैं कि प्रोफ़ाइल को कैसे प्राइवेट कर सकते हैं और 57.7 प्रतिशत जानते हैं कि पासवर्ड कैसे बदलना है।
सर्वे में बच्चों की डिजिटल लिटरेसी चेक करने के लिए उन्हें तीन टास्क दिए गए थे, जिनमें अलार्म सेट करना, विशिष्ट जानकारी को सर्च करना, एक यूट्यूट वीडिया ढूंढना। साथ ही मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का यूज करके इसे शेयर करना शामिल था। सर्वे के अनुसार,“जिन बच्चों को ये कार्य दिए गए थे, उनमें से तीन-चौथाई से अधिक बच्चे इनमें से प्रत्येक कार्य को सफलतापूर्वक करने में सक्षम थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग YouTube पर वीडियो ढूंढ सकते थे, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक इसे शेयर करने की नॉलेज भी रखते थे।
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