2024 में आखिरी दिन गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार; सेंसेक्स और निफ्टी ने सालभर में दिया 8-8 फीसदी का रिटर्न
मंगलवार को 30 ब्लू-चिप पैक में से टेक महिंद्रा जोमैटो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज इंफोसिस आईसीआईसीआई बैंक बजाज फाइनेंस हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में ज्यादा गिरावट दिखी। कोटक महिंद्रा बैंक आईटीसी अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा मोटर्स लाभ में रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 1893.16 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे थे। वैश्विक बाजारों में भी आज नरमी दिखी।
पीटीआई, मुंबई। भारतीय शेयर बाजार साल 2024 के आखिरी कारोबारी दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे दिन गिरावट दिखी। 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 109.12 अंक या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,139.01 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह 687.34 अंक या 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,560.79 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 0.10 अंक की मामूली गिरावट के साथ 23,644.80 पर बंद हुआ।
पूरे 2024 में, सेंसेक्स 5,898.75 अंक या 8.16 प्रतिशत उछला, और निफ्टी 1,913.4 अंक या 8.80 प्रतिशत बढ़ा। बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स ने इस साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपना रिकॉर्ड शिखर छुआ। एनएसई निफ्टी भी उसी दिन 26,277.35 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था।
मंगलवार को 30 ब्लू-चिप पैक में से, टेक महिंद्रा, जोमैटो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में ज्यादा गिरावट दिखी। कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा मोटर्स लाभ में रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 1,893.16 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे।
एशियाई बाजारों में शंघाई में गिरावट रही, जबकि हांगकांग हरे निशान में बंद हुआ। टोक्यो और सियोल में नए साल की छुट्टियों के कारण बाजार बंद रहे। यूरोपीय बाजारों में ज्यादातर तेजी रही। अमेरिकी बाजार सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.46 प्रतिशत बढ़कर 74.34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क सोमवार को 450.94 अंक या 0.57 प्रतिशत गिरकर 78,248.13 पर बंद हुआ। निफ्टी 168.50 अंक या 0.71 प्रतिशत गिरकर 23,644.90 पर बंद हुआ।
डॉलर के मुकाबले रुपये का हाल
मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे गिरकर 85.65 (अनंतिम) के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ, जिससे साल का अंत 3 प्रतिशत की तेज गिरावट के साथ हुआ, क्योंकि विदेशी फंडों की भारी निकासी और वैश्विक बाजारों में डॉलर में मजबूती आई। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती पर सतर्क रुख और डॉलर इंडेक्स (डीएक्सवाई) और यूएस 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड को बढ़ाने वाले "ट्रम्प फैक्टर" के कारण रुपया लगातार दबाव में रहा है।
इसके अलावा घरेलू बाजार में सुस्ती, व्यापार घाटे में वृद्धि और लगातार विदेशी फंडों की निकासी ने रुपये के मूल्यह्रास को और बढ़ा दिया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.54 पर खुला और इंट्रा-डे ट्रेड के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.66 के निम्नतम स्तर को छू गया। सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.65 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद के मुकाबले 13 पैसे की गिरावट दर्शाता है। सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे गिरकर 85.52 पर आ गया था।
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