Ram Mandir: 'वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि...' राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को RSS प्रमुख ने बताया साहसिक कार्य
महाराष्ट्र के पुणे जिले के आलंदी में गीता भक्ति अमृत महोत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा (Ram Lalla idol consecration) कार्यक्रम को याद किया और कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भागवान के आशीवार्द और इच्छा के कारण हुआ और यह एक साहसी कार्य है। भागवत ने यह भी कहा कि समारोह के दौरान उपस्थित रहना उनका सौभाग्य है।
पीटीआई, पुणे। 22 जनवरी को अयोध्या मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यह दिन हर भारतीयों को याद रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिमा का विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न करवाया गया। इस शुभ अवसर के साक्षात न केवल पीएम मोदी बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत समेत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ समेत कई लोग हुए। इस दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक साहसिक कार्य बताया।
22 जनवरी को रामलला का आगमन हुआ
महाराष्ट्र के पुणे जिले के आलंदी में गीता भक्ति अमृत महोत्सव में बोलते हुए,भागवत ने यह भी कहा कि भारत को अपने कर्तव्य के लिए उठना होगा और अगर किसी भी कारण से यह 'समर्थ' नहीं बन पाया, तो दुनिया को जल्द ही विनाश का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि '22 जनवरी को रामलला का आगमन हुआ और काफी संघर्ष के बाद यह एक साहसी कार्य साबित हुआ।'
भागवत ने आगे कहा कि 'वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि उन्हें रामलला के ऐसे दर्शन करन को मिल रहे है। यह वास्तव में हुआ है, सिर्फ इसलिए नहीं कि सभी ने इसके लिए काम किया, बल्कि भगवान के आशीर्वाद और इच्छा के कारण यह संभव हो पाया।
यह मेरा सौभाग्य रहा
भागवत ने यह भी कहा कि समारोह के दौरान उपस्थित रहना उनका सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि 'भारतवर्ष को ऊपर उठना होगा क्योंकि दुनिया को इसकी जरूरत है। अगर किसी भी कारण से भारत समर्थ नहीं बना या उठ नहीं सका तो दुनिया को जल्द ही विनाश का सामना करना पड़ेगा। इस तरह की स्थिति बनी हुई है। दुनिया भर के बुद्धिजीवी इस बात को जानते हैं। वे इस पर कह और लिख रहे हैं। भागवत ने कहा, भारत को अपना कर्तव्य निभाने के लिए उठना होगा।'
बता दें कि गीता परिवार द्वारा आयोजित गीता भक्ति अमृत महोत्सव, आध्यात्मिक नेता श्री गोविंद देव गिरिजी महाराज की 75वीं जयंती का एक भव्य उत्सव है।
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