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    कमलेश तिवारी हत्याकांड का साजिशकर्ता आसिम अली, नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड होने का शक

    नागपुर में 17 मार्च को हुई सांप्रदायिक हिंसा का असली मास्टरमाइंड सैयद आसिम अली हो सकता है जो 2019 के कमलेश तिवारी हत्याकांड का भी आरोपी है। हिंसा के बाद से वह फरार है। महाराष्ट्र एटीएस पहले भी उसे गिरफ्तार कर चुकी है। वह माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट से जुड़ा है और इस पार्टी के सोशल मीडिया संचालन की जिम्मेदारी संभालता था। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

    By Chandan Kumar Edited By: Chandan Kumar Updated: Sun, 30 Mar 2025 11:05 PM (IST)
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    नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड सैयद आसिम अली फरार, कमलेश तिवारी हत्याकांड से कनेक्शन। फोटो सोर्स-(एएनआई)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के नागपुर में इसी पखवाड़े हुई सांप्रदायिक हिंसा का असली मास्टरमाइंड 2019 में लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड का साजिशकर्ता सैयद आसिम अली ही हो सकता है। वह 17 मार्च को हुई नागपुर हिंसा के बाद से ही फरार है।

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    नागपुर हिंसा के बाद से इन दंगों का मास्टरमाइंड माइनारिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक पदाधिकारी फहीम खान को माना जा रहा है। उसे गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन इसी पार्टी का एक और पदाधिकारी एवं संस्थापक सदस्य सैयद आसिम अली 17 मार्च को हुई हिंसा से पहले गणेश पेठ पुलिस थाने के सामने हुए प्रदर्शन में शामिल था। बड़ी संख्या में हिंसा के लिए लोगों को जुटाने एवं उकसाने में भी उसी का नाम सामने आ रहा है।

    कई गिरफ्तार, सैयद आसिम अली अंडरग्राउंड

    पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके वहां होने की पुष्टि उसके मोबाइल लोकेशन से भी हुई है। लेकिन दंगों के बाद जहां फहीम खान सहित कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वहीं सैयद आसिम अली अंडरग्राउंड हो गया है।

    आसिम अली लखनऊ के हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की 2019 में हुई हत्या का मुख्य आरोपी था। उक्त हत्याकांड के बाद ही महाराष्ट्र एटीएस ने उसे गिरफ्तार करके उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया था। जुलाई 2024 में उसे सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिली है। उसके बाद से ही वह भी माइनारिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट में सक्रिय है और इस पार्टी का इंटरनेट मीडिया वहीं संभालता है। बताया जा रहा है कि 17 मार्च को हुई नागपुर हिंसा से पहले लोगों को जुटाने में फहीम के साथ इसकी भूमिका भी महत्त्वपूर्ण रही है।

    नितिन गड़करी के खिलाफ लड़ चुका है चुनाव

    नागपुर का ही रहनेवाला आसिम 2019 के कमलेश तिवारी हत्याकांड में गिरफ्तार होने से पहले भाजपा नेता नितिन गडकरी के विरुद्ध लोकसभा चुनाव लड़ चुका था। जुलाई 2024 तक उसे जमानत न मिलने के कारण ही संभवतः 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने अपने बजाय फहीम खान को गडकरी के विरुद्ध माइनारिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट का उम्मीदवार बनाकर लड़ाया था।

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