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    Nagpur News: मोहन भागवत बोले, विदेशी आक्रांताओं के चलते रुक गया था आयुर्वेद का प्रसार

    By AgencyEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Sat, 12 Nov 2022 06:34 PM (IST)

    Nagpur News मोहन भागवत ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के के कारण आयुर्वेद का प्रसार रुक गया था लेकिन अब उपचार की इस प्राचीन पद्धति को फिर से मान्यता मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

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    मोहन भागवत बोले, आयुर्वेद को अब फिर से मिल रही पहचान। फोटो इंटरनेट मीडिया

    नागपुर, एजेंसी। Nagpur News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को कहा कि विदेशी आक्रांताओं के के कारण आयुर्वेद का प्रसार रुक गया था, लेकिन अब उपचार की इस प्राचीन पद्धति को फिर से मान्यता मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। मोहन भागवत यहां आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'आयुर्वेद पर्व' में बोल रहे थे। इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे। आयुष में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं।

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    आयुर्वेद से बेहतर कोई विकल्प नहीं

    प्रेट्र के मुताबिक, मोहन भागवत ने कहा कि विदेशियों के आक्रमण के कारण लोगों में आयुर्वेद का प्रसार रुक गया था, लेकिन आयुर्वेद को फिर से मान्यता मिल रही है और आयुर्वेद से संबंधित ज्ञान का विस्तार करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हर किसी को सस्ती और सरल चिकित्सा मिलनी चाहिए और इसके लिए आयुर्वेद से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को उसके शुद्धतम रूप में अपनाया जाना चाहिए, ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।

    आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की

    इस अवसर पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पिछले सात वर्षों से आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। उन्होंने अलग आयुष मंत्रालय का गठन करके आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि इस चिकित्सा प्रणाली को पहले उपेक्षित किया गया था। उन्होंने कहा कि  2014 तक  आयुष उद्योग का बाजार आकार केवल तीन बिलियन अमेरिकी डालर था, लेकिन पिछले आठ वर्षों में यह वैश्विक स्तर पर 18.1 बिलियन अमेरिकी डालर हो गया है और 2023 तक बढ़कर 23 बिलियन अमेरिकी डालर हो जाएगा।

    प्रमोद सावंत बोले, पीएम के नेतृत्व में अच्छे दिन देख रहा  आयुर्वेद

    इस मौके पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आयुर्वेद 'अच्छे दिन' देख रहा है।

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