Maharashtra News: 'मुंबई के सरकारी अस्पतालों की हालत खराब', आदित्य ठाकरे ने CM एकनाथ शिंदे पर उठाए सवाल
Aditya Thackrey on CM Eknaath Shinde शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर नागरिक अस्पताल के खस्ताहाल होने का आरोप लगाया है। आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अस्पतालों को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा सभी नागरिक अस्पताल खस्ताहाल हैं और अस्पतालों में सभी प्रकार की बुनियादी दवाएं खत्म हो रही हैं।

मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने सीएम शिंदे पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर शहर के अस्पतालों को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा मुंबई के सभी अस्पतालों की हालत बेहद खराब है। आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुंबई के नागरिक अस्पताल खस्ताहाल हैं और बुनियादी दवाएं खत्म हो रही हैं। उन्होंने शहर के नगर निगम और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अस्पतालों को लेकर हमला बोला।
उन्होंने आरोप लगते हुए यह भी कहा कि बीएमसी प्रशासन और केंद्रीय खरीद विभाग से समर्थन की पूर्ण कमी के कारण बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा संचालित अस्पताल नागरिकों की सेवा करने में "पूरी तरह से असहाय" हैं।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि वह अस्पतालों की दुर्दशा के बारे में ट्वीट कर रहे थे क्योंकि एमसी (नगर निगम) "केवल तभी प्रतिक्रिया देता है जब सार्वजनिक डोमेन में होता है"। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जिस तरह से मुंबई के अवैध मिंधे-भाजपा शासन-लुटेरे मुंबई में नागरिक सेवाएं चला रहे हैं, जिसे देखकर गुस्सा आ रहा है।
ठाकरे ने आरोप लगाया, "बीएमसी प्रशासन एक साल तक सीधे ठेकेदार मंत्री (सीएम) कार्यालय से चलता है, इसे केवल बिल्डरों-ठेकेदारों की सेवा करते देखा गया है, लोगों की नहीं।" आदित्य ठाकरे ने यह भी दावा किया कि सायन अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी सेवाओं का समर्थन करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अस्पताल में बुनियादी दवाएं, मेडिकल दस्ताने और एक्स-रे फिल्म स्टॉक खत्म हो रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टरों की पदोन्नति एक साल से रुकी हुई है और बीएमसी अस्पतालों में कई पद भी खाली पड़े हैं। उन्होंने पूछा कि प्रमोशन कब होगा और पद कब भरे जाएंगे।
पिछले साल पार्टी विभाजन से पहले, आदित्य के पिता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (अविभाजित) ने 1997 से 2022 तक 25 वर्षों के लिए नकदी-समृद्ध बीएमसी को नियंत्रित किया था।
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