Shiv Sena Dussehra Rally : कटप्पा को शिवसैनिक माफ नहीं करेंगे: उद्धव ठाकरे
Shiv Sena Dussehra Rally : शिवसेना में हुए विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के दोनों खेमों द्वारा बुधवार को शिवाजी पार्क में दो दशहरा रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। महाराष्ट्र के 56 साल के इतिहास में पहली बार शिवसेना की दो रैलियां हो रही है।

मुंबई, जागरण डिजिटल डेस्क। Shiv Sena Dussehra Rally : महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन कई मायनों में अहम माना जा रहा है। शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे के खेमों की ओर से मुंबई में दो दशहरा रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। 56 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब दशहरा के दिन शिवसेना की दो रैलियां अलग-अलग जगहों पर आयोजित हो रही है। इस रैली को दोनों ही खेमों के बीच शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
रैलियों में लाखों समर्थकों के जुटने की संभावना के बीच मुंबई पुलिस ने सुरक्षा को लेकर कड़े इतंजाम किए हैं। जगह-जगह पर पुलिस बल की तैनाती है। बाहर से आ रही सभी वाहनों पर निगरानी रखी जा रही है। दशहरा रैली में दोनों दिग्गज नेता महज पांच किलोमीटर की दूरी पर समर्थकों को संबोधित करेंगे।
शिवाजी पार्क से शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसा, उन्होंने कहा कि कटप्पा को शिवसैनिक माफ नहीं करेंगे। आज जो सीएम है वो कुछ समय के लिए ही है। कुछ लोग हमें काट रहे हैं उनको इसका परिणाम भी भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि आज का रावण 50 खोखे का हो गया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि यह आपकी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है। शिवसेना उन शिवसैनिकों की है, जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है। शिवसेना आप जैसे लोगों के लिए नहीं हैं, जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया।
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शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने दशहरा के मौके पर मुंबई के शिवाजी पार्क में रावण दहन किया।
#WATCH | Maharashtra: Shiv Sena (Uddhav Thackeray faction) performs Ravan Dahan at Shivaji Park in Mumbai, on the occasion of #Dussehra pic.twitter.com/NrESJIGE67
— ANI (@ANI) October 5, 2022
उद्धव ठाकरे ने कहा, जिन्हें हमने सब कुछ दिया, उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया और जिन्हें कुछ नहीं दिया, वे सब एक साथ हैं। यह सेना एक या दो की नहीं बल्कि आप सभी की है। जब तक आप मेरे साथ हैं, मैं पार्टी का नेता रहूंगा
शिवसेना के शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना। उन्होंने कहा, उद्धव जी आपके भाई, चचेरे भाई राज ठाकरे भी आपके साथ नहीं हैं। अगर आप अपने परिवार को भी बरकरार नहीं रख सकते हैं तो आप राज्य को कैसे बरकरार रखेंगे?.jpg)
बालासाहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे का किया समर्थन। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को अकेला मत छोड़िए। वह किसानों और आम लोगों के लिए काम कर रहे हैं।

मुंबई के दादर के शिवाजी पार्क में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली में लिया भाग

तो वही मुंबई के बीकेसी मैदान में दशहरा रैली के दौरान बालासाहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे अपना समर्थन दिखाने आए और महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया।
दशहरा रैली से पहले एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर एक बार फिर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने हरिवंशराय बच्चन की एक पंक्ति लिखा- मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे।
" मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे "- हरिवंशराय बच्चन.#विचारांचेवारसदार
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) October 5, 2022
बीकेसी के MMRDA मैदान में सीएम एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली के लिए मंच के सामने 51 फीट की तलवार प्रदर्शित की गई है। शिवसेना में जून के विद्रोह के बाद से मुख्यमंत्री शिंदे की यह पहली सार्वजनिक रैली होगी। मुख्यमंत्री शिंदे रैली के जरिए बाल ठाकरे की विरासत पर अपना दावा पेश कर सकते हैं।

एकनाथ शिंदे खेमे के करीबी सूत्रों की मानें तो राज्य भर से करीब 2 लाख से अधिक शिवसेना समर्थक बीकेसी में दशहरा रैली में शामिल होंगे। शिवसेना समर्थकों के लिए ठाणे में लगभग 2.5 लाख फूड पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। इस पैकेट में ढापटे (एक मराठी व्यंजन), कचौरी और गुलाब जामुन होंगे।
बीकेसी में शिंदे गुट की रैली में मुंबई पुलिस और यातायात शाखा के 2 हजार कर्मी, 5 से 6 डीसीपी और 15 से 16 एसीपी ड्यूटी पर तैनात हैं। ठाणे से मुंबई की ओर जाने वाली सभी बाहरी बसों पर निगरानी निगरानी रखी जा रही है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे महज पांच किमी की दूरी पर अपनी अपनी रैलियों को संबोधित करेंगे। जून में सरकार बदलने के बाद शिवसेना पार्टी की दावेदारी को लेकर दोनों नेताओं के बीच विवाद ने राजनीतिक गलियारों के साथ आम नागरिकों के बीच भी गहन रुचि पैदा की है। रैली में संबोधन के दौरान दोनों ही नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले कर सकते हैं।
बाला साहेब ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना का गठन किया। इसी साल 30 अक्तूबर को दशहरे के दिन दादर के शिवाजी पार्क में उन्होंने पार्टी की पहली रैली आयोजित की। तब से मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली की परंपरा जारी है। 2012 में बाला साहब के निधन के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे रैली को संबोधित करते रहे हैं।

दशहरा रैली के लिए मुंबई के शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना समर्थक पहुंचने लगे हैं। COVID-19 प्रतिबंधों के कारण दो साल के अंतराल के बाद दशहरा रैली आयोजित की जा रही है।

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना समर्थकों को लेकर बसें दशहरा रैली के लिए मुंबई के एमएमआरडीए मैदान पहुंच रही है।
मुंबई में रैलियों को लेकर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 3,200 बड़े अधिकारी, 15,200 कर्मी, राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के 1,500 कर्मी, होमगार्ड के 1,000 जवान, 20 त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), 15 बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड (बीडीडीएस) तैनात किए गए हैं।
सूत्रों की मानें तो दोनों प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों के समर्थकों को दशहरा रैलियों तक लाने के लिए करीब 5,000 से अधिक बसें, कई छोटे पर्यटक वाहन, कारें और एक विशेष ट्रेन चलाई गई है।
सालों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से दादर के शिवाजी पार्क और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ द्वारा शिंदे बांद्रा कुर्ला काम्पलेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में अलग अलग रैलियों का आयोजन किया जा रहा है।
