केंद्रीय मंत्री की बेटी से छेड़छाड़ मामले में बड़ा खुलासा, शिंदे की शिवसेना से जुड़े हैं तार
केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी के साथ हुए छेड़छाड़ मामले के तार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से जुड़ते नजर आ रहे हैं। रक्षा खडसे एकनाथ खडसे की बहू हैं। 2019 में टिकट कटने के बाद एकनाथ खडसे और उनकी बेटी राकांपा में शामिल हो गए थे। जबकि रक्षा खडसे भाजपा में ही बनी रहीं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वितावश छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों की राज्यमंत्री रक्षा खडसे की बेटी एवं उसकी सहेलियों के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में स्थानीय शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक चंद्रकांत पाटिल के कार्यकर्ताओं के ही शामिल होने बात सामने आ रही है।
चंद्रकांत पाटिल से खडसे परिवार की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। वह दो बार रक्षा खडसे की ननद रोहिणी खडसे को विधानसभा चुनाव में पराजित कर चुके हैं। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भाजपा ने काटा था खडसे का टिकट
जलगांव कभी भाजपा के दिग्गज ओबीसी नेता एकनाथ खडसे के वर्चस्व वाला जिला माना जाता था। इसी जिले की मुक्ताई नगर सीट से वह कई बार विधायक चुने गए। वह भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे के करीबी माने जाते थे।
लेकिन 2014 में बनी देवेंद्र फडणवीस की सरकार में राजस्व मंत्री रहते हुए उनपर कुछ गंभीर आरोप लगे, तो 2019 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। भाजपा ने उनके बदले उनकी बेटी रोहिणी को टिकट तो दिया, लेकिन वह जीत नहीं सकीं।
राकांपा का थाम लिया था दामन
- उन्हें तब की अविभाजित शिवसेना के उम्मीदवार चंद्रकांत पाटिल ने हराया। जबकि खडसे की बहू रक्षा खडसे 2014 से ही रावनेर क्षेत्र से लोकसभा में प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं। बहू के भाजपा में रहते हुए भी 2019 के विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद एकनाथ खडसे एवं उनकी बेटी रोहिणी खडसे ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का दामन थाम लिया।
- पवार ने खडसे की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें विधान परिषद की सदस्यता भी दिलवा दी, और रोहिणी को राकांपा की महिला शाखा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। रोहिणी खडसे इस बार भी राकांपा (शरदचंद्र पवार) के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ी थीं। लेकिन इस बार भी उन्हें चंद्रकांत पाटिल से हारना पड़ा है।
- 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चर्चा चल रही थी कि एकनाथ खडसे पुनः भाजपा में आ सकते हैं। लेकिन यह चर्चा अभी तक फलीभूत नहीं हो सकी है। इसलिए एक ही परिवार में बहू रक्षा खडसे भाजपानीत केंद्र सरकार में मंत्री हैं, तो बाप-बेटी राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ हैं।
कई आरोपी शिवसेना कार्यकर्ता
28 फरवरी को शिवरात्रि के मेले में रक्षा खडसे की बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ की वारदात के बाद ये तथ्य सामने आ रहे हैं कि इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए दो आरोपितों में से एक अनिकेत भोई स्थानीय विधायक चंद्रकांत पाटिल का कट्टर समर्थक एवं शिवसेना जिला प्रमुख छोटूभाई का भतीजा है।
छेड़छाड़ एवं रक्षा खडसे की बेटी के साथ गए सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट के मामले में अलग-अलग जिन सात लोगों के नाम एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें भी अधिसंख्य शिवसेना कार्यकर्ता ही हैं। इनमें एक पीय़ुष मोरे शिवसेना शिंदे गुट का पूर्व पार्षद है।
देवेंद्र फडणवीस ने जताई नाराजगी
सचिन पलावे चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ मुक्ताई नगर का प्रमुख है और किरण माली व सोहम कोली भी शिवसेना पदाधिकारियों के रिश्तेदार हैं। इसलिए यह आशंका भी जताई जा रही है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वितावश ही लड़कियों से छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया गया हो। छेड़छाड़ की घटना के बाद केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे स्वयं एफआईआर लिखाने मुक्ताई नगर थाने पहुंची थीं।
गृहमंत्रालय के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने भी घटना को गंभीरता से लिया है और स्वीकार किया है कि छेड़छाड़ की घटना में एक राजनीतिक दल से जुड़े लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें माफ नहीं किया जा सकता। सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस की तीन टीमें अब तक गिरफ्तार नहीं हुए आरोपियों की तलाश कर रही हैं।
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