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    'किस मामले में था देवेंद्र फडणवीस को गिरफ्तार का डर', सामना में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम से पूछे सवाल

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 15 Feb 2023 01:04 PM (IST)

    Maharashtra Politics शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में दावा किया गया है कि आईपीएस अधिकारियों ने एमवीए विधायकों को फडणवीस का समर्थन करने की धमकी दी थी और उनके फोन टैप करके उनकी जासूसी भी की थी।

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    सामना में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम से पूछे सवाल (फाइल फोटो)

    मुंबई, एजेंसी। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट ने बुधवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उन्हें जेल में डालने की कोशिश की थी। साथ ही MVA ने डिप्टी सीएम फडणवीस से पूछा है कि आप किस मामले में गिरफ्तारी से डर रहे थे।

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    शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' किया बड़ा दावा

    शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में दावा किया गया है कि आईपीएस अधिकारियों ने एमवीए विधायकों को फडणवीस का समर्थन करने की धमकी दी थी और उनके फोन टैप करके उनकी जासूसी भी की थी। सामना में कहा गया है कि फडणवीस को बताना चाहिए कि इस तरह की अवैध फोन टैपिंग अपराध है या नहीं।

    'महाराष्ट्र ने नहीं देखी विरोधियों की गिरफ्तारी'

    सामना में कहा गया है कि महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति ने कभी भी राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी और उनके परिवार के सदस्यों के उत्पीड़न के उदाहरण नहीं देखे हैं। बता दें कि फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि पिछली एमवीए सरकार ने मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त संजय पांडेय को मुझे जेल में डालने के लिए कहा था, लेकिन पुलिस अधिकारी इसमें सफल नहीं हो सके, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था।

    सामना में फडणवीस से पूछे सवाल

    इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को सामना के संपादकीय में पूछा गया कि फडणवीस डरे हुए क्यों हैं कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। सामना में पूछा है कि उन्हें किस मामले में गिरफ्तारी का डर था और उनका इस मामले से क्या संबंध था, फडणवीस को स्पष्ट करना चाहिए। सामना में दावा किया गया है कि पिछले कुछ दिनों से फडणवीस झूठ बोल रहे हैं, यह संघ के संस्कार नहीं है।

    'फोन टैपिंग मामले में जांच कराए सरकार'

    सामना में कहा गया है कि इसे मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है। एमवीए नेता अनिल देशमुख, नवाब मलिक, संजय राउत को केंद्रीय जांच एजेंसियों ने बेवजह गिरफ्तार किया। पूछा गया कि अगर फोन टैपिंग का मामला काफी गंभीर नहीं था तो इसी मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख संजय पांडेय को गिरफ्तार क्यों किया गया। रश्मि शुक्ला के खिलाफ मामले हटा दिए गए और उन्हें पदोन्नत कर दिया गया। आगे कहा गया है कि वास्तव में एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार को फोन टैपिंग मामले की जांच पूरी करने की अनुमति देनी चाहिए।

    साल 2019 में BJP-NCP सरकार बनाने से पहले अजित पवार के अलावा शरद पवार के साथ भी हुई थी चर्चा: देवेंद्र फडणवीस