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    Mumbai: शिंदे गुट ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को हाई कोर्ट में दी चुनौती, उद्धव गुट भी असली शिवसेना के मुद्दे को लेकर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

    Updated: Mon, 15 Jan 2024 11:00 PM (IST)

    भरत गोगावले द्वारा 12 जनवरी को दायर याचिकाओं में कहा गया है कि वे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने के आदेश की वैधता औचित्य और शुद्धता को चुनौती दे रहे हैं। गोगावले के अनुसार ठाकरे गुट के विधायकों ने न केवल व्हिप का उल्लंघन किया बल्कि जून 2022 में विभाजन के बाद अपनी चूक से शिवसेना की सदस्यता भी छोड़ दी।

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    उद्धव गुट के 14 विधायकों को अयोग्य न ठहराने का मामला (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई।  पिछले सप्ताह विधायकों की अपात्रता पर आए विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जबकि, शिवसेना (उद्धव गुट) ने सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना बताने के निर्णय को चुनौती दी है। शिवसेना शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य न ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया है।

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    भरत गोगावले द्वारा 12 जनवरी को दायर याचिकाओं में कहा गया है कि वे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने के आदेश की वैधता, औचित्य और शुद्धता को चुनौती दे रहे हैं। गोगावले के अनुसार, ठाकरे गुट के विधायकों ने न केवल व्हिप का उल्लंघन किया, बल्कि जून 2022 में विभाजन के बाद अपनी चूक से शिवसेना की सदस्यता भी छोड़ दी।

    शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ किया मतदान 

    याचिका में दावा किया गया है कि स्पीकर इस बात पर विचार करने में विफल रहे कि सदस्यता छोड़ने के साथ ही शिवसेना-उद्धव गुट के सदस्यों ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मतदान किया।

    22 जनवरी को होनी है सुनवाई 

    गोगावले की याचिकाओं पर 22 जनवरी को सुनवाई होनी है। जबकि, ठाकरे गुट ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें जून 2022 में विभाजन के बाद मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले सेना समूह को ही वास्तविक शिवसेना घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को चुनौती दी गई है। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष ने 10 जनवरी को दिए अपने फैसले में शिंदे समेत सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी थी।

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