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    Maharashtra Politics: शिंदे-फडणवीस सरकार ने पूर्ववर्ती एमवीए सरकार के आधा दर्जन फैसलों को पलटा

    By AgencyEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Sun, 23 Oct 2022 03:07 PM (IST)

    Maharashtra Politics एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार ने पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार के आधा दर्जन फैसलों को पलट दिया है। साथ ही एकनाथ शिंदे सरकार ने वर्ष 2014-19 की देवेंद्र फडणवीस सरकार के चार फैसलों को फिर से बहाल कर दिया है।

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    शिंदे-फडणवीस सरकार ने पूर्ववर्ती एमवीए सरकार के आधा दर्जन फैसलों को पलटा। फाइल फोटो

    मुंबई, एजेंसी। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सरकार ने पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार के आधा दर्जन फैसलों को पलट दिया है। साथ ही, एकनाथ शिंदे सरकार ने वर्ष 2014-19 की देवेंद्र फडणवीस सरकार के चार फैसलों को फिर से बहाल कर दिया है। एपीएमसी में किसानों के मतदान का अधिकार, आपातकाल में जेल जाने वालों की पेंशन बहाली आदि फैसले शामिल हैं।

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    इन फैसलों पर लगी रोक, इन्हें पलटा

    प्रेट्र के मुताबिक, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार ने पिछले महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार द्वारा लिए गए कम से कम आधा दर्जन फैसलों पर रोक लगा दी है या उन्हें पलट दिया है, जिसमें आरे मेट्रो कार शेड को स्थानांतरित करना और आम सहमति बहाल करना शामिल है।

    सीबीआइ अब बिना अनुमति राज्य के मामलों की जांच करेगी

    महाराष्ट्र में सीबीआइ (CBI) अब बिना अनुमति के राज्य के मामले की जांच कर सकेगी। शिंदे सरकार ने पिछली एमवीए सरकार के फैसले को पलट दिया है। एमवीए सरकार ने सीबीआइ को दी यह सहमति वापस ले ली थी। 

    पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार के चार फैसले फिर से बहाल

    शिंदे सरकार ने 2014-2019 के दौरान फडणवीस सरकार द्वारा लिए गए चार नीतिगत फैसलों को वापस लाने का फैसला किया है। इन्हें एमवीए सरकार ने रद कर दिया था। इन फैसलों में कृषि उपज विपणन समिति (APMCएपीएमसी) के बाजारों में किसानों के वोटिंग अधिकार बहाल करना, आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों के लिए पेंशन फिर से शुरू करना और लोगों से सीधे ग्राम प्रधानों और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव करना शामिल है।

    आपातकाल के दौरान जेल में बंद कार्यकर्ताओं की पेंशन बहाल 

    आपातकाल के दौरान जेल में बंद कार्यकर्ताओं की पेंशन (Pension) भी शिंदे सरकार ने बहाल कर दी है। आपातकाल के दौरान एक महीने से अधिक समय तक जेल में रहने वालों को एक अगस्त से 10,000 रुपये पेंशन मिलेगी। यदि जेल की अवधि एक महीने से कम है, तो पेंशन राशि क्रमशः 5,000 रुपये और 2,500 रुपये मिलेगी। निर्णय को पहली बार 2017 में फडणवीस सरकार द्वारा लागू किया गया था, लेकिन 2020 में एमवीए सरकार द्वारा उलट दिया गया था।

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