'संविधान बचाओ रैली' के बहाने विपक्षी एकजुटता की कोशिश
संविधान बचाओ रैली की शुरुआत दक्षिण मुंबई में मंत्रालय के निकट स्थापित बाबासाहब आंबेडकर की मूर्ति से हुई।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। 26 जनवरी: गणतंत्र दिवस के मौके पर आज मुंबई में कई राजनीतिक दलों ने एक मंच पर आकर संविधान बचाओ रैली के बहाने विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। रैली का संयोजन तो स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के मुखिया एवं सांसद राजू शेट्टी ने किया, लेकिन पूरे कार्यक्रम पर छाए दिखे राकांपा अध्यक्ष शरद पवार। दूसरी ओर भाजपा की तरफ से भी आज मुंबई में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया।
संविधान बचाओ रैली की शुरुआत दक्षिण मुंबई में मंत्रालय के निकट स्थापित बाबासाहब आंबेडकर की मूर्ति से हुई। फिर रैली की शक्ल में चलकर लोग गेटवे ऑफ इंडिया तक गए। गेटवे ऑफइंडिया पर करीब सवा घंटे बैठने के बाद रैली समाप्त घोषित कर दी गई। रैली में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के अलावा प्रमुख रूप से जनतादल (यू) से अलग हो चुके नेता शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चह्वाण, गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, गुजरात के पिछले वर्ग के नेता अल्पेश ठाकोर, राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल एवं डी.पी.त्रिपाठी, हाल ही में भाजपा एवं लोकसभा सदस्यता छोड़ चुके नाना पाटोले तथा समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी शामिल हुए।
प्रेस से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आज हमारे पास जो कुछ भी है, वह संविधान की वजह से है। अगर संविधान सुरक्षित नहीं रहेगा, तो हमारे पास कुछ भी नहीं रहेगा। उमर अब्दुल्ला ने इस रैली को सरकार बनाम विपक्ष का रंग दिए जाने से भी इंकार करते हुए कहा कि यह न तो सरकार बनाम विपक्ष है, न ही एनडीए बनाम राजग। ये सिर्फ देश के संविधान के लिए है।
संविधान बचाओ रैली का आयोजन सांसद राजू शेट्टी की अगुवाई में किया गया था। 2014 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में राजग का हिस्सा रहे शेट्टी अब भाजपा से नाराज चल रहे हैं। संविधान बचाओ रैली का आयोजन उनके ही आह्वान पर हुआ था। कुछ दिनों पहले भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े द्वारा संविधान को लेकर दिए गए एक विवादित बयान को बहाना बनाते हुए शेट्टी ने देश के सभी विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश की। लेकिन रैली का आयोजन होने पर उसके केंद्रबिंदु राकांपा अध्यक्ष शरद पवार बन बैठे। यहां तक कि प्रतीकात्मक रूप से संविधान का आमुख पृष्ठ पढ़े जाते समय शेट्टी बड़े नेताओं की भीड़ में कहीं नजर भी नहीं आ रहे थे। कुछ दिनों पहले हुई भीमा-कोरेगांव की घटना के बाद सत्ताविरोधी केंद्र के रूप में उभरे भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर का रैली में नजर न आना भी एक सवाल बना रहा।
माना जा रहा है कि मुंबई में संविधान बचाओ रैली का आयोजन करके राजू शेट्टी, बाबा साहब आंबेडकर के बहाने राज्य के दलितों को भी सरकार के संविधानविरोधी होने का संदेश देना चाहते थे। लेकिन राज्य के दलित नेताओं में सिर्फ जोगिंदर कवाड़े ही रैली में नजर आए। जिनका राजनीतिक जनाधार अब लगभग शून्य माना जाता है। इसलिए राजू शेट्टी का यह उद्देश्य भी सफल होता नहीं दिखाई दिया।
रैली से पहले महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विरोधी दल राधाकृष्ण विखे पाटिल के सरकारी आवास पर शरद पवार, शरद यादव, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुशील कुमार शिंदे, कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी.राजा, वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी एवं हार्दिक पटेल की एक बैठक भी हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में विपक्ष को एकजुट करने की भविष्य की रणनीति पर संक्षिप्त चर्चा हुई। दूसरी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने भी आज विपक्ष की संविधान बचाओ रैली के जवाब में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। इस यात्रा में भी बाबासाहब आंबेडकर को ही केंद्र में रखा गया। भाजपा की रैली दादर स्थित बाबासाहब आंबेडकर के स्मारक चैत्यभूमि से शुरू होकर करीब चार किलोमीटर दूर एल्फिंस्टन रोड के कामगार मैदान तक गई। जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने रैली को संबोधित किया।
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