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    'हमारे विरोधी भी एक दिन राष्ट्र निर्माण में हमारा साथ देंगे', RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने और क्या कहा?

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 10:18 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने गुड़ी पाड़वा के अवसर पर कहा कि संघ अपने 100वें वर्ष में आत्मचिंतन और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि संघ के विरोधी भी एक दिन इस मिशन में शामिल होंगे। संघ ने समाज में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने और पंच परिवर्तन कार्यक्रम के तहत शाखाओं का विस्तार करने का संकल्प लिया है।

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    गुड़ी पाड़वा पर दत्तात्रेय होसबाले का राष्ट्र निर्माण और संघ की भूमिका पर संदेश। (फोटो सोर्स- आरएसएस)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने उम्मीद जताई है कि संघ के कार्यों का विरोध करनेवाले भी एक दिन राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में संघ के साथ सहभागी होंगे।

    भारतीय नववर्ष विक्रमी संवत् 2082 के प्रथम दिन एवं महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाए जानेवाले गुड़ी पाड़वा पर्व के अवसर पर दिए गए संदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रा.स्व.संघ) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संघ अपने कार्य के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है, ऐसे समय में उत्सुकता है कि संघ इस अवसर को किस रूप में देखता है।

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    'समाज में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी'

    स्थापना के समय से ही संघ के लिए यह बात स्पष्ट रही है कि ऐसे अवसर उत्सव के लिए नहीं होते, बल्कि ये हमें आत्मचिंतन करने और अपने मकसद के प्रति पुनः समर्पित होने का अवसर प्रदान करते हैं।

    होसबाले ने कहा कि समाज में संघ की स्वीकार्यता और अपेक्षाएं बढ़ रही हैं। यह सब डॉक्टर हेडगेवार की दृष्टि व कार्यपद्धति की स्वीकार्यता का संकेत है। इस आंदोलन और दर्शन का नित्य नूतन विकास किसी चमत्कार से कम नहीं है। स्वयंसेवक की अवधारणा मूल रूप से समाज के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना है, जो शिक्षा से लेकर श्रम और राजनीति जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दिखा रही है। सब कुछ राष्ट्रीय चिंतन के आधार पर पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए।

    "पिछले सौ वर्षों में संघ ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के आंदोलन के रूप में उपेक्षा और उपहास से जिज्ञासा और स्वीकार्यता की यात्रा पूर्ण की है। संघ किसी का विरोध करने में विश्वास नहीं रखता। हमें विश्वास है कि संघ कार्य का विरोध करने वाला व्यक्ति भी एक दिन राष्ट्र निर्माण के इस पुनीत कार्य में संघ के साथ सहभागी होगा।" राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

    संघ के भविष्य की क्या है योजनाएं? 

    सरकार्यवाह ने संघ के भविष्य के लक्ष्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आजकल हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखने की प्रवृत्ति है। ऐसी स्थिति में भी संघ समाज के सांस्कृतिक जागरण और सम्यक सोच वाले लोगों और संगठनों की एक मजबूत संरचना विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सामाजिक परिवर्तन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका और परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ करना, पिछले कुछ वर्षों से संघ कार्य का केंद्र बिंदु रहा है।

    "संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण के कार्य को ग्राम एवं खंड स्तर पर ले जाने का निर्णय किया है। इस दिशा में पिछले एक वर्ष में व्यवस्थित योजना और क्रियान्वयन के साथ दस हजार शाखाओं की वृद्धि स्वयंसेवकों के संकल्प और समाज की स्वीकार्यता का प्रतीक है। प्रत्येक गांव और बस्ती तक पहुंचने का लक्ष्य अभी भी अधूरा है और यह आत्मनिरीक्षण का विषय है।" राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

    सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले कहा कि आगामी वर्षों में पंच परिवर्तन यानि पांच स्तरीय कार्यक्रम का आह्वान संघ कार्य का केंद्र बना रहेगा। शाखाओं का विस्तार करते हुए संघ ने नागरिक कर्तव्यों, पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली, सामाजिक समरसता, पारिवारिक मूल्यों और ‘स्व’बोध पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे हर व्यक्ति मातृभूमि को परम वैभव के शिखऱ पर ले जाने में योगदान दे सके। 

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