मुंबई में आफत की बारिश, सड़क, रेल और वायु यातायात ठप; महाराष्ट्र के कई जिलों में बाढ़ से हालात
मुंबई में मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश की वजह से कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। इससे सड़क यातायात हवाई सेवाएं लोकल ट्रेन और रेल सेवाएं धीमी हो गईं। मुंबई में पिछले 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 300 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार से मंगलवार के बीच महानगर में कई स्थानों पर 600 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, मुंबई। देश के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में जुलाई में सामान्य से कम बरसात के बाद 15 से 19 अगस्त के बीच मुंबई सहित पूरे राज्य में हुई मूसलधार बरसात में अब तक 21 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मंगलवार को ही 10 लोगों की जान गई। मुंबई में पिछले 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 300 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार से मंगलवार के बीच महानगर में कई स्थानों पर 600 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
जनजीवन बुरी तरह ठप
इस दौरान जनजीवन बुरी तरह ठप हो गया है। वायु, सड़क, रेल सेवाएं लगातार दूसरे दिन बाधित रहीं। देश की वित्तीय राजधानी के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। मुंबई महानगर क्षेत्र में 1,000 से अधिक लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति से बचाया गया है। बरसात का कहर अगले दो-तीन दिन और जारी रहने की आशंका है।
नांदेड़ जिले के मुखेड़ में चार लोगों की मौत
राज्य आपातकालीन कंट्रोल रूम की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, बारिश से पांच दिनों में 21 लोगों की मौत हो गई है जबकि बाढ़, डूबने, बिजली का झटका लगने, स्लैब और दीवार गिरने, भूस्खलन जैसी वर्षाजनित घटनाओं में 10 लोग घायल हुए हैं। नांदेड़ जिले के मुखेड़ में चार लोगों की मौत की खबर है, जबकि एक अन्य लापता के भी मारे जाने की आशंका है।
नांदेड में मदद के लिए भारतीय सेना भी आगे आई
नांदेड में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की मदद के लिए भारतीय सेना भी आगे आई है। एक ओर अरब सागर और दूसरी ओर तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य के बीच स्थित मुंबई के पड़ोसी जिले पालघर की वसई-नालासोपारा-विरार टाउनशिप में मूसलाधार बारिश का सबसे अधिक असर पड़ा और कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया। वसई-विरार सिटी नगर निगम (वीवीसीएमसी) क्षेत्र में 497 लोगों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
मीठी नदी कई स्थानों पर उफान पर
मुंबई के बीच से होकर गुजरने वाली बरसाती मीठी नदी कई स्थानों पर उफान पर है। मीठी नदी के आसपास रहने वाले करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। मुंबई शहर और मुंबई उपनगरीय तथा पालघर, ठाणे और रायगढ़ शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के पड़ोसी हिस्सों को अगले दो दिन के लिए रेड अलर्ट पर रखा गया है।
अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक में स्थिति की समीक्षा के बाद कहा कि अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। नांदेड़ में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री ने राज्य में 12 से 14 लाख एकड़ खड़ी फसल के नुकसान की जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को हुए इस नुकसान का आकलन किया जा रहा है ताकि उनकी मदद की जा सके।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) मुंबई में आवश्यक सेवाओं वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
इसके अलावा, निजी कार्यालयों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों से कहा गया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दें और यदि आवश्यक न हो तो बाहर निकलने से बचें। भारी बारिश के कारण बांबे हाई कोर्ट का कामकाज भी आधे दिन के बाद बंद करना पड़ा।
मुंबई के इलाकों में हुई भारी बारिश
बीएमसी के अनुसार सोमवार सुबह आठ बजे से मंगलवार सुबह आठ बजे तक मुंबई के जिन इलाकों में रिकॉर्ड 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, उनमें चिंचोली फायर स्टेशन (361 मिमी), कांदिवली फायर स्टेशन (337 मिमी), डिंडोशी कालोनी म्युनिसिपल स्कूल (305 मिमी), मागाठाणे बस डिपो (304 मिमी), एसडब्ल्यूडी वर्कशाप, दादर (300 मिमी), चेंबूर फायर स्टेशन (297 मिमी) शामिल हैं।'
मुंबई की जीवन रेखा उपनगरनीय ट्रेन सेवा दिनभर बाधित
मुंबई की जीवनरेखा मानी जाने वाली उपनगरीय ट्रेनों पर भी भारी बारिश का असर पड़ा है और मध्य एवं पश्चिम रेलवे की सेवाएं दिनभर बाधित रहीं। मध्य रेलवे की लंबी दूरी की ट्रेनों पर भी पटरियों पर हुए जलभराव का असर पड़ा है।
मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए बीएमसी की टीमों ने उन्हें पानी, चाय और भोजन उपलब्ध कराया है। सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर पानी भर जाने से दिनभर परिचालन प्रभावित रहा।
दो मोनोरेल भी अटकीं, 750 से अधिक यात्री सुरक्षित निकाले
मंगलवार की शाम मुंबई में भारी बारिश के दौरान दो ओवरक्राउडेड मोनोरेल ट्रेनें भी एलिवेटेड ट्रैक पर स्टेशनों के बीच फंस गईं। इस दौरान 782 यात्रियों को बचाया गया। एक मोनोरेल को वापस स्टेशन पर लाया गया तो बीच में फंसी एक अन्य मोनो रेल से 200 से अधिक यात्रियों को तीन क्रेनों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान कई अधिक यात्रियों ने सांस घुटने की शिकायत की। इनमें से कुछ बेहोश भी हो गए।
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