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    हिमाचल में आया भूकंप, बादल फटने से कुल्लू-मंडी में भारी तबाही; जम्मू-कश्मीर में मरने वालों की संख्या पहुंची 66

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 04:29 AM (IST)

    हिमाचल में वर्षा भूस्खलन व बादल फटने से काफी नुकसान हो रहा है। भुभु जोत में बादल फटने से मंडी की चौहारघाटी व कुल्लू जिला की लगवैली में बाढ़ आ गई। भुभु जोत की पहाड़ी पर बादल फटने से पानी दो भागों में बंट गया। इस आपदा से चौहारघाटी की पंचायत तरसावण सिल्हबुधाणी के अलावा कुल्लू की लगघाटी के कड़ौण तेलंग सहित कई गांव प्रभावित हुए हैं।

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    हिमाचल में वर्षा, भूस्खलन व बादल फटने से काफी नुकसान हो रहा है (फोटो- पीटीआई)

     जागरण टीम, शिमला। प्रदेश में वर्षा, भूस्खलन व बादल फटने से काफी नुकसान हो रहा है। भुभु जोत में बादल फटने से मंडी की चौहारघाटी व कुल्लू जिला की लगवैली में बाढ़ आ गई। भुभु जोत की पहाड़ी पर बादल फटने से पानी दो भागों में बंट गया। इस आपदा से चौहारघाटी की पंचायत तरसावण, सिल्हबुधाणी के अलावा कुल्लू की लगघाटी के कड़ौण, तेलंग सहित कई गांव प्रभावित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के चंबा में बुधवार सुबह 3:27 बजे 3.3 तीव्रता का भूकंप आया।

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    भूस्खलन से कीरतपुर- नेरचौक फोरलेन हाईवे बंद

    बिलासपुर जिले के थापना में टनल नंबर दो के पास हुए भूस्खलन से कीरतपुर- नेरचौक फोरलेन हाईवे बंद हो गया है। सोमवार देर रात डेढ़ बजे सिल्हबुधाणी पंचायत के कोरतंग व कुंगड़ी नाले में आई बाढ़ से एक दुकान, पांच पैदल पुल, दो मछली फार्म व देव कपलधार गहरी मंदिर की सराय बह गई।

    गाजियाबाद के एक  श्रद्धालु की मौत

    कुल्लू की लगघाटी में आई बाढ़ में दो पुल, दो मकान, तीन दुकानें और एक बाइक बह गए। वहीं जिला किन्नौर में किन्नौर कैलास यात्रा पर गए एक और श्रद्धालु की मौत हो गई। मृतक की पहचान गौरव पुत्र दिलीप कुमार निवासी गाजियाबाद के रूप में हुई है। जिला प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगा दी है। कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के रशोल गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई।

    गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन से दो युवकों की मृत्यु

    डबराणी में बदहाल गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन की चपेट में आकर दो युवकों की मृत्यु हो गई। 15 दिनों से बंद हाईवे की बहाली को पहाड़ी पर नई कटिंग कर सड़क बनाई जा रही है। पांच अगस्त को धराली में आई आपदा के बाद क्षतिग्रस्त हाईवे को शुरू करने के लिए मंगलवार को कटिंग का काम अंतिम चरण में था।

    इस बीच शाम को सात युवकों का एक दल पहले पैच में कटिंग लगभग पूरी होने की जानकारी पाकर यहां से गुजरने लगा। भूस्खलन की चपेट में आकर सुक्की गांव निवासी अरुण(29) व मनीष(24) दब गए। दोनों के शव निकाल लिए गए हैं।

     सरकारी मशीनरी ने चौतरफा ताकत झोंकी

    आपदा प्रभावित धराली और हर्षिल में जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकारी मशीनरी ने चौतरफा ताकत झोंक रखी है। इस कड़ी में हर्षिल क्षेत्र में भागीरथी नदी में बनी झील को सेना के बैकहो लोडर से चैनलाइज करने का काम शुरू हो गया है। उधर पिथौरागढ़ जिले में आधी रात के बाद मकान पर बोल्डर गिरने से बालक की मौत हो गई और मां समेत चार सदस्य घायल हो गए।

    अल्मोड़ा जिले के काकड़ीघाट क्षेत्र में पैर फिसलने से कोसी नदी में स्थानीय निवासी 42 वर्षीय दान ¨सह बह गया। वहीं चमोली के कोठी गांव के पास पिंडर नदी में फंसी गाय को बचाने के प्रयास में एनडीआरएफ जवान सुरेंद्र नौटियाल (30) की डूबने से मौत हो गई। उनका शव बरामद कर लिया गया है।

    चशोती में मलबे से दो और शव बरामद, मृतकों की संख्या 66 हुई

    जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में बादल फटने से हुई त्रासदी में छह दिन बाद मंगलवार को मलबे में दबे दो और शव बरामद हुए हैं। इसके साथ ही चशोती त्रासदी में मरने वालों की संख्या 66 हो गई है। अभी भी कई लोग लापता हैं, जिनका पता लगाने के लिए सेना, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी जुटे हुए हैं।

     मौसम विभाग ने चेतावनी दी है

    एनडीआरएफ की तरफ से और सेना की तरफ से तरह तरह के उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं। वहीं, मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई है।

    विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 23 से 25 अगस्त के बीच तेज बारिश से बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो सकती हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदियों, नालों, जलस्त्रोतों और कच्चे मकानों से दूर रहें।

    वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किश्तवाड़ त्रासदी में लापता लोगों के जीवित मिलने की संभावना अब बहुत कम है। सरकार का प्रयास है कि मलबे में दबे शवों को निकाला जाए, ताकि उन्हें उनके परिवारों को सौंपा जा सके और वे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर सकें।

    भाखड़ा बांध के चार फ्लड गेट खोले गए

    पहाड़ों पर वर्षा के कारण पंजाब में भाखड़ा बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने दो वर्ष बाद मंगलवार दोपहर बांध के चार फ्लड गेट खोल दिए। इनसे करीब 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रूपनगर के डीसी वरजीत वालिया ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। इसमें से आधा पानी सतलुज दरिया व आधा नहरों में जाएगा।