हिंसा के बाद नागपुर में शांति, 10 थाना क्षेत्रों में अब भी कर्फ्यू; शिंदे बोले- 'औरंगजेब का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं'
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हिंसा का दौर देखने को मिला। यहां पर विहिप एवं बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान दो समुदायों में टकराव की स्थिति बनी थी। शाम के आठ बजे के करीब हिंसा हुई। इस घटना में 100 से अधिक वाहन जला दिए गए। सीएम फडणवीस ने इस घटना को योजनाबद्ध करार दिया है। नागपुर में वर्तमान में स्थिति शांत है।

जेएनएन, मुंबई। महाराष्ट्र से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए सोमवार को विहिप एवं बजरंगदल जैसे हिंदू संगठनों के राज्यव्यापी प्रदर्शन की प्रतिक्रिया में नागपुर में हुई हिंसक घटनाओं के बाद आज नागपुर में शांति है। लेकिन 10 थाना क्षेत्रों में अब भी कर्फ्यू लगाया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा है कि ये दंगे पूर्वनियोजित प्रतीत होते हैं। पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा के बाहर भाजपा और शिवसेना के विधायकों ने आज भी छत्रपति संभाजी नगर से औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर प्रदर्शन किया।
सोमवार को भड़की थी हिंसा
बता दें कि सोमवार को सुबह हुए विहिप एवं बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान दो समुदायों में टकराव की स्थिति बनी थी, लेकिन पुलिस के बीच बचाव से उस समय कोई हिंसा नहीं हुई थी। लेकिन शाम आठ बजे से पुनः हिंसा शुरू हुई, जो रात दो बजे तक जारी रही। हिंसक घटनाओं में 100 से ज्यादा वाहन जला दिए गए।
कई घरों एवं एक अस्पताल को नुकसान पहुंचाया गया। पत्थरों एवं धारदार हथियारों से हुए हमलों में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारी भी शामिल हैं। एक डीसीपी का तो कुल्हाड़ी से हाथ काटने का प्रयास किया गया।
बीजेपी ने घटना को बताया सुनियोजित
नागपुर निवासी भाजपा प्रवक्ता अजय पाठक सोमवार की घटना को सुनियोजित बताते हुए कहते हैं कि सीए रोड, भालदार पुरा, गंजी पेठ, हंसापुरी, गांधी बाग, चिटनवीस पार्क आदि क्षेत्रों में ज्यादातर दुकानें पुरानी मोटर साइकिलों एवं ऑटो स्पेयर पार्ट्स की हैं। ये सभी दुकानें एक विशेष समुदाय की हैं, और सोमवार को ये दुकानें सुबह से ही बंद रखी गई थीं। शाम को जब दंगे शुरू हुए तो सिर्फ हिंदू घरों एवं दुकानों को ही निशाना बनाया गया।
अब परिस्थिति नियंत्रण में
नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ.रविंदर सिंघल के अनुसार हिंसक घटनाओं के बाद मंगलवार को स्थिति नियंत्रण में है। इस मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं और करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानेवालों की पहचान की जा रही है। कानून तोड़नेवालों के खिलाफ सभी संबंधित धाराएं लगाई जाएंगी। उनके अनुसार ऐसी घटनाएं दुबारा न हों, इसके लिए संबंधित समूहों के साथ बैठकें भी की जा रही हैं।
विधानसभा में उठा नागपुर हिंसा का मुद्दा
आज भी विधानसभा में नागपुर हिंसा की जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय के प्रभारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नागपुर में विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया। अफवाह फैलाई गई कि धार्मिक मान्यता वाली चीजें जलाई गईं। यह एक सुनियोजित हमला लगता है। किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नागपुर मामले में तेज हुई राजनीति
नागपुर में हुई हिंसक घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दल इन घटनाओं का जिम्मेदार सत्तारूढ़ महायुति को बता रहे हैं, तो सत्तापक्ष की ओर से दंगा भड़काने की जिम्मेदारी विपक्ष पर डाली जा रही है।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। यह वो जगह है, जहां रा.स्व.संघ का मुख्यालय है, जहां से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी जैसे नेता चुनकर आते हैं। वहां हिंसा फैलाने की हिम्मत कौन कर सकता है ? हिंदुओं को डराने, अपने ही लोगों से उनपर हमला करवाने, और फिर उन्हें भड़काकर दंगों में शामिल करने का यह नया पैटर्न है।
कांग्रेस की मुंबई अध्यक्ष एवं सांसद वर्षा गायकवाड ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सभी को साथ लेकर चलनेवाले शासक थे। कुछ लोग महाराष्ट्र में सामाजिक माहौल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब राजनीति धर्म की ओर झुकी हुई है।
औरंगजेब का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं: शिंदे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हमारी सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों पर स्थापित सरकार है। इस राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान और औरंगजेब का महिमामंडल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि बोलते समय गरिमा का ध्यान रखकर बोलें।
डिप्टी सीएम ने कांग्रेस नेता पर साधा निशाना
आज विधानसभा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल को आड़े हाथों लेते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री की तुलना औरंगजेब से की है। आप किससे तुलना कर रहे हो? हर्षवर्धन सपकाल को माफी मांगनी चाहिए। अन्यथा उनके बयान को ऐसे माना जा रहा है, जैसे वह औरंगजेब का समर्थन कर रहे हों। अगर हम किसी देशद्रोही का समर्थन करते हैं, तो क्या हमें उसके विरुद्ध भी देशद्रोह का मुकदमा नहीं दर्ज करना चाहिए ?
कानून व्यवस्था बनाना सभी की जिम्मेदारी
शिंदे ने कहा कि नागपुर में कुछ लोग जान हथेली पर लेकर अराजकता फैला रहे थे। जब पुलिस पहुंची, तो उन्होंने पुलिस को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया। आप उन पुलिसकर्मियों पर पत्थर और पेट्रोलबम फेंकते हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी सुरक्षा करते हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री समेत हम सब की है।
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