'औरंगजेब क्रूर और निर्दयी शासक था', महाराष्ट्र में बोले राजनाथ सिंह, कहा- महाराणा प्रताप व शिवाजी महाराज हमारे नायक
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा अनावरण किया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा सिर्फ एक मूर्ति नहीं है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए वीरता बलिदान और देशभक्ति की एक जीवंत प्रेरणा है। जब भी भारत की स्वतंत्रता या संस्कृति को खतरा हुआ तब महाराणा प्रताप शिवाजी और संभाजी जैसे नायक इसकी रक्षा के लिए उठ खड़े हुए।

एएनआई, छत्रपति संभाजी नगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा कि भारत के मूल आदर्श कभी इस्लाम या मुस्लिम विरोधी नहीं थे। उन्होंने महान हस्तियों के हवाले से बताया कि देश में समुदायों के बीच एकता हमेशा बनी रही है।
महाराणा प्रताप ने जीवन में सबकुछ झेला
राजनाथ सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें यह सिखाता है कि मातृभूमि की रक्षा के लिए किया गया बलिदान किसी भी व्यक्तिगत सुख-सुविधा और सम्मान से बड़ा होता है। कौन सा ऐसा कष्ट है जो महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में नहीं झेला है। उन्होंने अपना महल और सत्ता का सुख छोड़ा। जंगलों में शरण ली और यहां तक की खास की रोटी भी खाई। मगर कभी भी उन्होंने स्वाधीनता और सम्मान के साथ समझौता नहीं किया।
महाराणा प्रताप व शिवाजी महाराज हमारे नायक
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हमारे आदर्श इस्लाम और मुस्लिम विरोधी बिल्कुल नहीं थे। हकीम खान सूरी ने मुगलों के खिलाफ हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप का साथ दिया। यहां तक कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में भी मुस्लिम समुदाय के लोग थे। शिवाजी का सबसे भरोसेमंद अंगरक्षक मदारी भी एक मुस्लिम युवक था। महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे नायक हैं।
राजनाथ सिंह ने इतिहास की किताबों में औरंगजेब को महिमामंडित करने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस तरह के चित्रण ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं। जिन शासकों की विरासत विवादित होती है, गलत तरीके से उनकी प्रशंसा को बढ़ावा मिलता है।
औरंगजेब क्रूर और निर्दयी शासक
हमारी इतिहास की किताबों में औरंगजेब जैसे क्रूर और निर्दयी शासक को भी महिमा किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विकृत इतिहास के कारण कुछ लोग औरंगजेब को नायक के रूप में पेश करने की कोशिश करते हैं। सच्चाई जाने बिना औरंगजेब के प्रति सहानुभूति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
पंडित नेहरू का दिया हवाला
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पंडित नेहरू ने स्वयं औरंगजेब को एक कट्टरपंथी और धर्मांध शासक कहा था। उन्होंने लिखा था कि औरंगजेब ने हिंदुओं पर जजिया कर लगाया और राजपूतों, सिखों, मराठों और अन्य को दबाने की कोशिश की। उसने कई हिंदू मंदिरों को भी तोड़ा।
दारा शिकोह की बात क्यों नहीं करते?
राजनाथ सिंह ने कहा कि औरंगजेब जैसा शासक किसी का हीरो कैसे बन सकता है? ऐसे लोग कभी दारा शिकोह के बारे में बात नहीं करते, जिन्होंने उपनिषदों का अनुवाद किया। दारा शिकोह को किसने मरवाया? औरंगजेब ने उसे मरवाया। दारा शिकोह की हत्या के पीछे सनातन संस्कृति के प्रति उसकी नफरत थी।
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