शरद पवार को लगा एक और झटका, अब एनसीपी विधायक मकरंद पाटिल अजित खेमे में हुए शामिल; कहा- फैसला लेना बहुत कठिन था
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी में फूट के बाद शरद पवार को एक और झटका लगा है। उनके कार्यक्रम में शामिल हुए विधायक मकरंद पाटिल अब अजित पवार खेमे में शामिल हो गए हैं। पाटिल ने दावा किया कि उन्होंने यह निर्णय एनसीपी कार्यकर्ताओं के आग्रह पर लिया है जिन्होंने वाई में चीनी मिलों और विकास से संबंधित मुद्दों को उठाया था।
पुणे, पीटीआई। महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक मकरंद पाटिल ने सोमवार को कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले खेमे में शामिल हो गए हैं। पाटिल ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में वित्तीय संकट में फंसी दो चीनी मिलों को बचाने और वाई में विकास लाने और पर्यटन संबंधी मुद्दों को हल करने की उम्मीद में अजित पवार खेमे में शामिल होने का फैसला किया।
शरद पवार के कराड दौरे के दौरान साथ थे पाटिल
गौर करने वाली बात यह है कि अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के एक दिन बाद एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की कराड शहर के दौरे के दौरान पाटिल उनके साथ थे। विधायक ने दावा किया,
मेरा नाम पिछले रविवार को शपथ लेने वाले अजित पवार समेत एनसीपी के नौ मंत्रियों की सूची में था, लेकिन मैंने अजित से कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले मुझे अपने समर्थकों और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से परामर्श करना होगा।
पाटिल ने कहा- निर्णय लेना बहुत कठिन था
सतारा जिले से पाटिल के कई कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शनिवार को मुंबई में अजित पवार से मुलाकात की। बैठक के वीडियो में वाई निर्वाचन क्षेत्र से एक एनसीपी पदाधिकारी पाटिल के लिए कैबिनेट में जगह मांगते नजर आ रहे हैं। विधायक ने कहा कि यह निर्णय लेना बहुत कठिन था, क्योंकि शरद पवार और अजित पवार दोनों उनके प्रिय हैं।
यह एक कठिन निर्णय था। हाल ही में, मैंने दो चीनी मिलों का अधिग्रहण किया, जो वित्तीय संकट में थीं। बस लोगों के कहने पर मैंने इन फैक्ट्रियों से चुनाव लड़ा। मैं पिछले साल (गन्ना पेराई) सीजन को बिना किसी समस्या के संभाल सका।
पिछले साल जब मैं सत्ता में नहीं था तो मुझे कारखानों के प्रबंधन में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसलिए हमने इन चीनी कारखानों को बचाने और अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास और पर्यटन से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए अजित पवार खेमे में शामिल होने का फैसला किया है।
मैंने यह निर्णय एनसीपी कार्यकर्ताओं के आग्रह पर लिया है, जिन्होंने वाई में चीनी मिलों और विकास से संबंधित मुद्दों को उठाया था।
एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर घमासान तेज
वहीं, एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार खेमे ने एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा ठोक दिया है। प्रफुल्ल पटेल सहित अजित पवार के वफादार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें एनसीपी के 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है।
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