'मुसलमान कभी भी सीएम योगी की तरह...', अपने बयान को लेकर घिरे अखिलेश के विधायक; NCP ने की तीखी आलोचना
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने वारी यात्रा को लेकर रविवार को एक विवादास्पद बयान दिया। जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है। महायुति सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने अबू आजमी (Abu Azmi) के बयान की आलोचना की है। राकंपा ने सपा नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि वह महाराष्ट्र में एक विषाक्त तत्व बन गए हैं।
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समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी। (फोटो- जागरण)
पीटीआई, मुंबई। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने वारी यात्रा को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि वारी यात्रा की वजह से सड़कों पर जाम लग जाता है। उनके इस बयान पर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है।
महायुति सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अबू आजमी के बयान की आलोचना की है। इसके साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राकंपा के मुख्य प्रवक्ता आनंद परांजपे ने सपा नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि वह महाराष्ट्र में एक विषाक्त तत्व बन गए हैं।
सड़कों पर नमाज का क्यों होता विरोध
सपा नेता अबू आजमी ने रविवार को एक पीसी के दौरान कहा था कि जब हिंदुओं का त्योहार मनाया जाता है तो मुसलमान कभी विरोध नहीं करते। लेकिन जब मुसलमान नमाज अदा करते हैं तो शिकायत की जाती है।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने कभी भी 'वारी' के बारे में शिकायत नहीं की है, हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे कुछ नेता सड़कों पर नमाज का विरोध करते रहते हैं। सपा नेता की टिप्पणी की सीएम फडणवीस ने भी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आजमी पर प्रचार पाने का आरोप लगाया।
जानबूझकर दिया जाता भड़काऊ बयान: NCP
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने कहा कि अबू आजमी महाराष्ट्र में एक जहरीला तत्व बन गए हैं, जो सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए बार-बार भड़काऊ बयान देते रहते हैं। सरकार को उनके खिलाफ़ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आषाढ़ी वारी 800 साल पुरानी परंपरा है।
एनसीपी नेता ने कहा कि कई मुसलमान अपनी सेवाएं देते हैं और 'वारी' में भाग लेते हैं, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से लाखों 'वारकरी' संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम की 'पालकी' के साथ पंढरपुर तक पैदल जाते हैं।
बांटने की राजनीति करने का लगाया आरोप
एनसीपी नेता ने कहा कि आजमी बार-बार लोगों को बांटने के लिए हिंदू-मुस्लिम राजनीति का इस्तेमाल करते हैं। उनके शब्द तनाव भड़काते हैं और इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
वहीं, राज्य के बंदरगाह मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा कि किसी को भी हिंदू संस्कृति और त्योहारों के बारे में बोलने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ये लोग महाकुंभ और 'वारी' की आलोचना करते हैं, लेकिन ये जुलूस पूरे साल नहीं निकलते। क्या हमें हज यात्रा के बारे में सवाल उठाने चाहिए?"
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