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    Nawab Malik: नवाब मलिक को मिली बड़ी राहत, जमानत याचिका पर अगले हफ्ते से सुनवाई करेगा बॉम्बे हाईकोर्ट

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sat, 25 Feb 2023 07:44 AM (IST)

    एनसीपी नेता नवाब मलिक को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई के लिए राजी हो गया है। मलिक पिछले एक साल से जेल में बंद हैं। उन्हें 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।

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    Nawab Malik: नवाब मलिक को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

    मुंबई, राज्य ब्यूरो। बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री नवाब मलिक के स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए वह मेरिट के आधार उनकी जमानत याचिका पर अगले सप्ताह से सुनवाई के लिए राजी हो गया है।

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    23 फरवरी 2022 को मलिक को किया गया गिरफ्तार

    नवाब मलिक को पिछले साल 23 फरवरी को मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था, तब से उनकी जमानत याचिकाएं कई बार खारिज हो चुकी हैं। उन पर भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम एवं उसके सहयोगियों से संबंध रखने के आरोप हैं। इसी माह की शुरुआत में न्यायमूर्ति एम.एस.कर्णिक ने मलिक के वकीलों से कहा था कि वह इस बात से संतुष्ट होने के बाद ही नवाब मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है।

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    अगले हफ्ते से होगी सुनवाई

    शुक्रवार को नवाब मलिक के वकील अमित देसाई की संक्षिप्त जिरह के बाद कर्णिक ने कहा, ''मैं समझ रहा हूं कि नवाब मलिक का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए मेरिट के आधार पर अगले सप्ताह से उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की जाएगी।''

    मलिक की एक किडनी खराब

    बता दें, मलिक के वकील देसाई एवं कुशल मोर ने जमानत याचिका की अर्जी लगाते हुए कहा था कि मलिक एक साल से जेल में हैं। उनकी एक किडनी खराब हो चुकी है और दूसरी भी बहुत कम काम कर रही है। एक-एक जांच की अनुमति अदालत से लेने में दो-तीन सप्ताह लग जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति को हिरासत में रखना जरूरी नहीं हो और वह मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रह सकता हो तो सरकारी खजाने पर खर्च क्यों बढ़ाया जाना चाहिए।

    धारा 45 का उल्लेख

    मलिक के वकीलों ने पीएमएलए की धारा 45 का उल्लेख करते हुए उनके लिए जमानत की मांग की थी, जिसके अनुसार यदि आरोपित 16 वर्ष से कम हो, या बुजुर्ग या बीमार हो, तो उसे जमानत दी जा सकती है।

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