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    महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर बोले- विधानमंडल के नियमानुसार अभी एक ही है शिवसेना

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 24 Feb 2023 09:37 PM (IST)

    महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी में विभाजन का फैसला कर भले ही पार्टी एवं चुनाव चिह्न पर अधिकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया हो लेकिन विधानमंडल के नियमानुसार अभी शिवसेना एक ही है

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    विधानमंडल के नियमानुसार अभी शिवसेना एक ही है: राहुल नार्वेकर

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी में विभाजन का फैसला कर भले ही पार्टी एवं चुनाव चिह्न पर अधिकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया हो, लेकिन विधानमंडल के नियमानुसार अभी शिवसेना एक ही है। यह कहना है महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का। महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र 26 फरवरी को शुरू हो रहा है।

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    हमें राजनीतिक दल एवं विधानमंडल दल का फर्क समझना चाहिए: राहुल नार्वेकर

    उससे पहले राहुल नार्वेकर ने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में सिर्फ एक ही शिवसेना दर्ज है, जिसके 56 विधायक हैं। उन्होंने कहा, मैं भारतीय संविधान की अनुसूची-10 एवं महाराष्ट्र विधानमंडल के नियमानुसार ही चलूंगा।

    बता दें कि विधानसभा चुनाव एवं एक बार हुए उपचुनाव के अनुसार 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना सदस्यों की संख्या 56 है। नार्वेकर ने कहा, हमें राजनीतिक दल एवं विधानमंडल दल का फर्क समझना चाहिए। चुनाव आयोग ने फैसला राजनीतिक दल के संदर्भ में दिया है। लेकिन हमारे सामने विधानमंडल दल है।

    शिवसेना के चुनाव चिह्न पर चुनकर आए सभी 56 विधायक

    शिवसेना के चुनाव चिह्न पर चुनकर आए सभी 56 विधायक हमारे लिए एक ही दल के विधायक हैं। सदन में उनके बैठने की व्यवस्था एक साथ होगी। यदि किसी कारणवश इस दल का सचेतक व्हिप जारी करता है, तो उसे मानना सभी 56 विधायकों की बाध्यता होगी। क्योंकि अभी मेरे सामने किसी भी अन्य गुट की ओर से पृथक गुट का दर्जा देने की मांग नहीं आई है।

    बता दें कि शिवसेना (जिसपर अब एकनाथ शिंदे का अधिकार है) की ओर से व्हिप जारी किए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का यह रुख उद्धव ठाकरे समर्थक 16 विधायकों के लिए भारी पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में उद्धव समर्थक सभी विधायकों को व्हिप का पालन करना होगा नहीं तो उनकी सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।