Nagpur Violence: 'दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे', नागपुर हिंसा पर क्या-क्या बोले सीएम फडणवीस
महाराष्ट्र विधानसभा में सीएम फडणवीस ने कहा कि नागपुर में पुलिस पर हमला करने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा। अगर वे कब्र में छिपे होंगे तो वहां से भी निकाल लाएंगे। सीएम ने कहा कि अफवाह के कारण हिंसा की घटना हुई। सीएम ने कहा कि किसी प्रकार की ऐसी चादर नहीं जलाई गई जिसपर आयात लिखी गई हो। वहीं फडणवीस ने इस घटना को पहले से सुनियोजित भी बताया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागपुर में हुई हिंसा पर सीएम फडणवीस ने कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन लोगों ने भी हमला किया है, उनको किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों को कब्र से खोदकर हम बाहर निकालेंगे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि झूठी अफवाह फैलाई गई, जिसके कारण हिंसा हुई। सीएम फडणवीस ने कहा कि नागपुर में किसी प्रकार की ऐसी चादर नहीं जलाई गई, जिसपर आयात लिखी गई हो। सीएम ने कहा कि जानबूझकर अफवाह फैलाई गई कि आयात जलाई गई है।
घटना सीएम ने बताया सुनियोजित
सीएम फडणवीस ने इस घटना को सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी पुलिस पर हमला किया है, उन्हें किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस पर किया गया पथराव
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि पत्थरबाजी में करीब 80 लोगों की भीड़ शामिल थी। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इस दौरान तीन डिप्टी कमिश्नरों पर भी हमला किया गया।
सीएम ने बताया कि कुछ घरों को इस घटना के दौरान जानबूझकर निशाना बनाया गया। सीएम ने इस बात पर जोर दिया यह एक सुनियोजित हमला लगता है। उन्होंने साफ किया कि किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाज़त नहीं है।
नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा
उल्लेखनीय है कि सोमवार को सुबह हुए विहिप एवं बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान दो समुदायों में टकराव की स्थिति बनी थी, लेकिन पुलिस के बीच बचाव से उस समय कोई हिंसा नहीं हुई थी। लेकिन शाम आठ बजे से पुनः हिंसा शुरू हुई, जो रात दो बजे तक जारी रही। हिंसक घटनाओं में 100 से ज्यादा वाहन जला दिए गए।
कई घरों एवं एक अस्पताल को नुकसान पहुंचाया गया। पत्थरों एवं धारदार हथियारों से हुए हमलों में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारी भी शामिल हैं। एक डीसीपी का तो कुल्हाड़ी से हाथ काटने का प्रयास किया गया।
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