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    बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के ग्रोवेल 101 मॉल को तुरंत बंद करने का आदेश दिया, मंजूरी से जुड़ा है मामला

    मुंबई के कांदिवली में स्थित ग्रोवेल 101 मॉल को बंद करने का निर्देश बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किए बिना मॉल का संचालन करना गलत है। कंपनी ने 5 मार्च को याचिका डाली थी जिसमें मॉल के संचालन को बंद करने के MPCB के निर्देश को चुनौती दी गई थी। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया।

    By Jagran News Edited By: Prince Gourh Updated: Sat, 22 Mar 2025 09:36 AM (IST)
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    बॉम्बे हाई कोर्ट ने ग्रोवेल 101 मॉल बंद करने के दिए निर्देश (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कांदिवली में स्थित ग्रोवेल 101 मॉल को तुरंत बंद करने का आदेश दिया है। पर्यावरण मंजूर प्राप्त किए बिना मॉल का संचालन करने के लिए ग्रोवेल 101 मॉल के खिलाफ महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) के बंद करने के निर्देश को अदालत ने बरकरार रखा है।

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    कंपनी की याचिका खारिज

    बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एमएस सोनक और जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने मॉल का संचालन करने वाली कंपनी ग्रेउर एंड वील (इंडिया) लिमिटेड की याचिका को खारिज कर दी, जिसमें एमपीसीबी के 5 मार्च के बंद करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

    अदालत ने कहा, "पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किए बिना निर्मित मॉल का संचालन करना बेहद गंभीर है और स्थापन/ संचालन के लिए सहमति प्राप्त किए बिना ऐसे मॉल का संचालन करना परिस्थितिकी मुद्दे की गंभीरता को बढ़ाता है।" जजों ने कहा कि याचिकाकर्ता कंपनी ने कानूनी आवश्यकताओं की अनदेखी की और आवश्यक मंजूरी के बिना ही मॉल का निर्माण कार्य आगे बढ़ा दिया।

    कंपनी का तर्क नहीं आया काम

    हालांकि, कंपनी ने तर्क दिया था कि 2016 में एमनेस्टी स्कीम के तहत पर्यावरण मंजूरी के लिए आवेदन किया गया था और ये आवेदन अभी तक लंबित है। लेकिन कोर्ट ने इस बचाव में कोई दम नहीं पाया और बताया कि आवेदन की स्थिति पर कोई स्पष्टता नहीं थी।

    अदालत ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता खुद को कानून से ऊपर मानता है और कहा कि इस तरह के तर्कों के आधार पर पर्यावरण कानून के अनुपालन को विफल नहीं होने दिया जा सकता। याचिकाकर्ता ने मॉल का निर्माण करके कानून को अपने हाथ में ले लिया है, यह कहते हुए अदालत ने फैसला सुनाया कि यह उचित ही है कि बंद करने के निर्देशों को तुरंत लागू किया जाए।

    'निर्देश तुरंत लागू हो'

    पीठ ने निष्कर्ष निकाला कि "हम इस उम्मीद में कोई भी जुर्माना लगाने से बचते हैं कि भविष्य में ऐसा नहीं दोहराया जाएगा। एमपीसीबी को तुरंत अपने बंद करने के निर्देशों को लागू करना चाहिए।"

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