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    Maratha Reservation: मुश्किल में मनोज जरांगे, पुलिस ने बीड में दर्ज की FIR, जानें पूरा मामला

    Maratha Reservation शिंदे सरकार ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की सभी मांगें मान चुकी है। हालांकि वह अपनी मांगें बढ़ाते जा रहे हैं। अब उनकी भाषा राजनीतिक हो गई है। फडणवीस ने भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर पुलिसिया कार्रवाई की चेतावनी दी। इसी बीच मनोज जारांगे के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 27 Feb 2024 09:11 AM (IST)
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    मनोज जरांगे के खिलाफ आईपीसी के तहत कई मामले दर्ज किए गए हैं।(फोटो सोर्स: जागरण)

    एएनआई, मुंबई। Maratha Reservation। महाराष्ट्र पुलिस ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ आईपीसी की धारा 341,143,145,149,188 के तहत मामला दर्ज किया है।

    मनोज जरांगे पाटिल ने कथित तौर पर आम लोगों को बीड में एक सड़क को अवरुद्ध करने के लिए उकसाया था और इसके कारण भारी यातायात जाम हो गया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई। बीड एक एसपी नंदकुमार ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने बीड में 25 अन्य स्थानों पर ट्रैफिक जाम पर भी मामले दर्ज किए हैं।

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    मनोज जरांगे ने कहा- फडणवीस मुझे मारने की कोशिश कर रहे

    मराठा आरक्षण के मामले में महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। मनोज जरांगेपाटिल ने रविवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस पर अपने एनकाउंटर की साजिश का आरोप लगाया था। वहीं, उन्होंने उप मुख्यमंत्री के बंगले के बाहर अनशन करने की बात कही है।

    अपनी मांगों को लगातार बढ़ा रहे जरांगे

    बता दें कि शिंदे सरकार जरांगे की सभी मांगें मान चुकी है। हालांकि वह अपनी मांगें बढ़ाते जा रहे हैं। अब उनकी भाषा राजनीतिक हो गई है। फडणवीस ने भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर पुलिसिया कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके बाद जरांगे पाटिल को उनके समर्थकों ने पड़ोस के ही एक गांव से वापस अंतरवली सराटी लौटने के लिए मना लिया।

    माना जा रहा है कि जरांगे के पास सरकार का संदेश पहुंचने के बाद ही उन्होंने सोमवार शाम अपना 17 दिन से चला आ रहा अनशन समाप्त करने की घोषणा की। इससे पहले बॉंबे हाई कोर्ट ने राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र सरकार मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती। उसके पास कानून व्यवस्था बनाए रखने की शक्तियां हैं।

    यह भी पढ़ें: शिंदे सरकार की चेतावनी के बाद 'बैकफुट' पर जरांगे, 17 दिन से चल रहा अपना अनशन समाप्त किया