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    Maratha Reservation: विधानसभा चुनाव से पहले मनोज जरांगे ने तोड़ा अनशन, क्या है महाराष्ट्र सरकार का प्लान

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 06:32 PM (IST)

    मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद अपना पांच दिनों से चला अनशन स्थगित कर दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सरकार कुनबी प्रमाणपत्र पा चुके लोगों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी सूची में शामिल करने पर विचार करेगी। मनोज जरांगे पाटिल जालना स्थित अपने गांव अंतरवली सराटी में आठ जून से अनशन कर रहे थे।

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    मनोज जरांगे ने शिंदे सरकार को एक महीने का समय दिया। (फोटो, एएनआई)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद अपना पांच दिनों से चला अनशन स्थगित कर दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सरकार कुनबी प्रमाणपत्र पा चुके लोगों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी सूची में शामिल करने पर विचार करेगी।

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    मनोज जरांगे पाटिल जालना स्थित अपने गांव अंतरवली सराटी में आठ जून से अनशन कर रहे थे। उनकी मांग थी कि पिछले दिनों सरकार ने एक समिति का गठन कर जिन मराठा परिवारों को कुनबी का दर्जा दिया है, उनके सगे-संबंधियों को भी कुनबी सूची में शामिल किया जाए।

    सरकार के फैसले से मनोज जरांगे संतुष्ट नहीं

    जरांगे चाहते हैं कि राज्य के सभी मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी का दर्जा (खेतिहर मराठा) देकर उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत आरक्षण प्रदान किया जाए। हालांकि सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का कानून बना दिया है। लेकिन मनोज जरांगे इससे संतुष्ट नहीं हैं। वह पूरे मराठा समाज को कुनबी का दर्जा दिलवाने पर अड़े हैं।

    जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार के चेतावनी दी

    माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में उनके आह्वान के कारण ही सत्तारूढ़ दल को महाराष्ट्र में तगड़ा झटका लगा है। हाल ही में उन्होंने चेतावनी दी थी कि उनकी मांगें न मानी गईं, तो चार माह बाद होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह राज्य की सभी 288 सीटों पर मराठा समाज के उम्मीदवार खड़े करेंगे।

    अनशन स्थल पर जाकर मिला सरकारी प्रतिनिधिमंडल

    लोकसभा चुनाव में जरांगे पाटिल के आह्वान का असर देखकर ही इस बार उनका अनशन शुरू होने के बाद से ही सरकार उनसे संपर्क करने का प्रयास करने लगी थी। आज एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल उनसे अनशन स्थल पर जाकर मिला। इसमें राज्य के मंत्री शंभूराजे देसाई, छत्रपति संभाजी महाराज नगर के नवनिर्वाचित सांसद संदीपन भुमरे, भाजपा विधायक राणा जगजीतसिंह पाटिल आदि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल की जरांगे पाटिल से देर तक चर्चा हुई।

    जरांगे ने शिंदे सरकार को एक महीने का समय दिया

    बातचीत के दौरान जरांगे पाटिल ने अब तक कुनबी प्रमाणपत्र पा चुके लोगों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी प्रमाणपत्र देने के लिए सरकार को एक माह का समय दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने भी उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार यह मांग पूरी करने की दिशा में उचित कदम उठाएगी। सरकारी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे राज्य सरकार के मंत्री शंभूराजे देसाई ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करने के लिए कल ही बैठक बुलाएगी। प्रतिनिधिमंडल से यह आश्वासन पाने के बाद मनोज जरांगे पाटिल ने अपना पांच दिन से चल रहा अनशन स्थगित करने की घोषणा की।

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