Mahrashtra Politics: मुंबई कांग्रेस को झटका, छह पूर्व नगर सेवक शिवसेना शिंदे गुट में शामिल
पूर्व नगर सेवक कुणाल माने ने बताया कि मैं और मेरी पत्नी एक-एक बार नगर सेवक रहे हैं। गायकवाड़ परिवार से हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं लेकिन अचानक वर्षा गायकवाड़ में बदलाव देखने को मिला और उन्होंने मुश्किलें पैदा कर हमें पीछे धकेलने की कोशिश की। हमें मुख्यमंत्री की कार्यशैली पसंद है। इस कारण शनिवार को मैंने पत्नी के साथ शिवसेना (शिंदे गुट) की सदस्यता ले ली।

मिड-डे, मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के छह पूर्व नगर सेवकों (कारपोरेटर) ने शनिवार को शिवसेना शिंदे गुट का दामन थाम लिया। इनमें से चार पूर्व नगर सेवक धारावी से हैं, जो मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का निर्वाचन क्षेत्र है। इनमें से एक पूर्व नगर सेवक ने वर्षा गायकवाड़ के कारण पार्टी छोड़ने का दावा किया है।
पूर्व नगर सेवक ने दी जानकारी
पूर्व नगर सेवक कुणाल माने ने बताया कि मैं और मेरी पत्नी एक-एक बार नगर सेवक रहे हैं। गायकवाड़ परिवार से हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं लेकिन अचानक वर्षा गायकवाड़ में बदलाव देखने को मिला और उन्होंने मुश्किलें पैदा कर हमें पीछे धकेलने की कोशिश की। हमें मुख्यमंत्री की कार्यशैली पसंद है। इस कारण शनिवार को मैंने पत्नी के साथ शिवसेना (शिंदे गुट) की सदस्यता ले ली।
मुझे मुख्यमंत्री की कार्यशैली पसंद है :भास्कर शेट्टी
शिवसेना की सदस्यता लेने वाले और 2012-17 तक धारावी से नगर सेवक रहे भास्कर शेट्टी ने कहा कि मुझे पार्टी से कोई दिक्कत नहीं है। मुझे मुख्यमंत्री की कार्यशैली पसंद है और मैं अपने वार्ड के लिए काम करना चाहता हूं। वहीं धारावी से ही नगर सेवक रहे बब्बू खान ने भी वार्ड की बेहतरी के लिए शिवसेना में शामिल होने की बात कही। सायन कोलीवाडा से नगर सेवक रहीं पुष्पा कोली और कुर्ला बेल बाजार से नगर सेवक रहे वाजिद कुरैशी ने भी कांग्रेस में विवाद की बात को नकारा और कहा कि वार्ड की समस्याओं के निदान के लिए वे शिवसेना में शामिल हुए हैं।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वर्षा गायकवाड़ के मुंबई अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से पार्टी में असंतोष बढ़ गया है। गायकवाड़ अपने खास चार अथवा पांच लोगों को रखकर पार्टी चलाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में अधिकांश वरिष्ठ नेता उनकी कार्यशैली से नाखुश हैं। इस संबंध में वर्षा गायकवाड़ से बातचीत नहीं हो सकी।
शिंदे को मिला अपना पहला उम्मीदवार
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को महाविकास अघाड़ी के प्रत्याशी के खिलाफ अपना पहला उम्मीदवार मिल गया। शिवसेना (उद्धव गुट) के अणुशक्ति नगर से पूर्व विधायक तुकाराम काटे भी शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए। काटे ने वर्तमान विधायक नवाब मलिक को हराया था। जमानत पर रिहा होने के बाद नवाब मलिक ने शरद पवार के धड़े वाली राकांपा में रहने का फैसला किया है। निर्वाचन क्षेत्र में तुकाराम काटे की अच्छी पकड़ है।
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